13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

ईडी ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार पर कसा शिकंजा, चीनी मिल सीज

इस कंपनी का नाम जरांदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना है जो महाराष्ट्र के सतारा में स्थित है. जरांदेश्वर एसएसके को गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने साल 2010 में 65.75 करोड़ रुपए में खरीदा था. जांच एजेंसी ने पाया कि यह कंपनी एक डमी कंपनी के रूप में इस्तेमाल की जा रही है.

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और एनसीपी के नेता अजित पवार की 65 करोड़ रुपये की कीमत वाली सुगर मिल को प्रवर्तन निदेशालय ने अटैच कर लिया है. यह कार्रवाई महाराष्ट्र स्टेट को ऑपरेटिव बैंक घोटाला मामले से जुड़ी है. बताया जाता है कि यह कंपनी अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा अजीत पवार के नाम से हैं.

इस कंपनी का नाम जरांदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना है जो महाराष्ट्र के सतारा में स्थित है. जरांदेश्वर एसएसके को गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने साल 2010 में 65.75 करोड़ रुपए में खरीदा था. जांच एजेंसी ने पाया कि यह कंपनी एक डमी कंपनी के रूप में इस्तेमाल की जा रही है.

Also Read: दिल्ली ने तोड़ दिया 90 सालों का रिकार्ड, अभी नहीं मिलेगी गर्मी से राहत

इस डमी कंपनी गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटेड ने जरांदेश्वर शुगर मिल को बेच दिया. इस कंपनी की ज्यादातर हिस्सेदारी अजित पवार की पत्नी की कंपनी स्पार्कलिंग सॉयल प्राइवेट लिमिटेड के पास है. गुरू कमोडिटी सर्विस प्राइवेट लिमिटे का इस्तेमाल जरांदेश्वर एसएसके को खरीदने के लिए किया गया था.

महाराष्ट्र स्टेट कोऑपरेटिव बैंक स्कैम (MSCB) में 25,000 करोड़ रुपए के घोटाले के जांच चल रही है. इस मामले में अजित पवार के खिलाफ विधानसभा चुनाव से पहले केस दर्ज किया गया था . जांच में एजेंसी को यह बात पता चली की इस खरीद बिक्री में जरांदेश्वर एसएसके उसके सही कीमत से कम में बेचा गया है.

नीलामी में नियमों का पालन नहीं किया गया. कई वेबसाइट पर चल रही खबरों के अनुसार , जिस वक्त ये घोटाला हुआ उस वक्त अजित पवार बैंक के बोर्ड में शामिल थे. इन कंपनियों ने पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और दूसरे बैंकों से 2010 से अब तक 700 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था. जो अब भी बकाया है.

Also Read: राहुल गांधी ने पूछा वैक्सीन कहां है ? भाजपा बोली आपको मोतियाबिंद हुआ है

रिपोर्ट के मुताबिक, जिस वक्त ये घोटाला हुआ था, उस दौरान एनसीपी नेता अजित पवार उस समय बैंक के बोर्ड में थे। ईडी ने कहा है कि जरंदेश्वर एसएसके को जरंदेश्वर चीनी मिल द्वारा पुणे जिला केंद्रीय सहकारी बैंक और दूसरे बैंकों से 2010 से अब तक 700 करोड़ रुपए का लोन लिया गया था, जो कि अब भी बरकरार है।

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें