मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कोविड-19 के गंभीर मरीजों के इलाज के लिए ‘प्लाज्मा थैरेपी- सह-परीक्षण’ परियोजना की शुरूआत की. राज्य के चिकित्सा शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने इसे दुनिया में अपनी तरह की सबसे बड़ी पहल बताया.
इस पद्धति में ऐसे लोगों के रक्त से प्लाज्मा प्राप्त किया जाता जो इस संक्रमण से उबर चुके हैं. इसके बाद वह प्लाज्मा इलाज करा रहे रोगियों को दिया जाता है. अधिकारी ने कहा कि इस परियोजना का नाम ‘प्लेटिना’ रखा गया है. यह दुनिया में इस तरह की सबसे बड़ी परियोजना है.
उन्होंने कहा कि इस परियोजना के तहत हमारा इरादा कोरोना वायरस के 500 गंभीर मरीजों का जीवन बचाना है. यह परीक्षण 21 मेडिकल कॉलेजों में कया जाएगा. उन्होंने कहा कि सभी गंभीर रोगियों को 200 मिली प्लाज्मा की दो खुराक मुफ्त दी जाएगी.
राज्य में मौजूदा लॉकडाउन 20 जून को समाप्त हो रहा है. मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इस दिन लॉकडाउन हटाने की बात से रविवार को इनकार कर दिया था. मुख्य सचिव अजॉय मेहता की ओर से सोमवार को जारी एक आदेश में कहा गया है कि मास्क लगाने, शारीरिक दूरी, सभाओं पर पाबंदी और अन्य नियमों का पालन जारी रहना चाहिये.
सरकार ने सलाह दी है कि जहां तक संभव हो सके घर से ही काम किया जाए. मेहता के आदेश में कहा गया है कि निजी कार्यालय 10 प्रतिशत कर्मचारियों या 10 लोगों के साथ काम कर सकते हैं. महाराष्ट्र में रविवार को एक दिन में कोविड-19 के सबसे अधिक 5,493 नये मामले सामने आने के बाद संक्रमितों की कुल संख्या 1,64,626 हो गई थी. राज्य में अब तक कुल 7,429 लोगों की मौत हो चुकी है.
टेलीविजन पर संबोधन में ठाकरे ने पाबंदियों में ढील दिए जाने से इंकार करते हुए कहा था कि राज्य में कोरोना वायरस का खतरा अब भी बना हुआ है. ठाकरे ने बाद में ट्वीट किया, क्या 30 जून के बाद लॉकडाउन हटाया जाएगा? स्पष्ट उत्तर ‘नहीं’ है. ठाकरे ने कहा कि अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर लाने के लिए अनलॉक की प्रक्रिया को धीरे-धीरे लागू किया जा रहा है, जिसे ‘मिशन बिगिन अगेन’ नाम दिया गया है. उन्होंने कहा कि 30 जून के बाद पाबंदियों में कुछ ढील होगी लेकिन धीरे-धीरे ज्यादा ढील दी जाएगी.
Posted By – Pankaj Kumar Pathak