Maharashtra: चुनाव आयोग के आदेश पर उद्धव गुट बिफरा, शिंदे गुट ने कहा- सही फैसला, जानिए पूरा मामला
बता दें कि तीन नवम्बर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने है. इस चुनाव से पहले शनिवार को एक अंतरिम आदेश में निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस चुनावों में दोनों गुटों को ‘शिवसेना के नाम और तीर-कमान’ के उपयोग की अनुमति नहीं है.
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में असली शिवसेना की लड़ाई जारी है. ऐसे में चुनाव आयोग ने दोनों गुटों पर पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह ‘तीर-कमान’ के उपयोग पर पाबंदी लगा दिया है. आयोग के इस निर्णय के बाद से उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना गुट और शिंदे गुट की शिवसेना की तरफ से बयानबाजी शुरू हो गयी है. उद्धव गुट ने पाबंदी लगाए जाने को ‘अन्याय’ बताया है. बता दें कि शिवसेना के दो फाड़ होने के बाद ठाकरे और एकनाथ शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना बताते हुए ‘पार्टी का नाम और चुनाव चिन्ह’ के उपयोग की अनुमति मांग रहे हैं.
अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर होना है उपचुनाव
बता दें कि तीन नवम्बर को अंधेरी ईस्ट विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने है. इस चुनाव से पहले शनिवार को एक अंतरिम आदेश में निर्वाचन आयोग ने कहा कि इस चुनावों में दोनों गुटों को ‘शिवसेना के नाम और तीर-कमान’ के उपयोग की अनुमति नहीं है. ठाकरे के वफादार महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्ष के नेता अम्बादास दानवे ने इस आदेश पर कहा कि निर्वाचन आयोग को उपचुनाव के लिए अंतरिम आदेश जारी करने के स्थान पर समेकित फैसला लेना चाहिए था. साथ ही उन्होंने कहा कि यह अन्याय है.
अदित्य ठाकरे ने शिंदे गुट पर बोला हमला
वहीं, शिवसेना के पूर्व मंत्री अदित्य ठाकरे ने निर्वाचन आयोग के इस आदेश के बाद शिंदे गुट पर हमला बोला. उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि ‘खोखेवाले गद्दारों ने शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह फ्रीज कराने की शर्मनाक हरकत की है. हम लड़ेंगे और जीतेंगे. हम सच के साथ हैं. सत्यमेव जयते!’ गौरतलब हो कि आदित्य ठाकरे ने ट्वीट करते वक्त शिवसेना को शिवेसना कर दिया था. जिसके बाद सोशल मीडिया पर उनकी जमकर आलोचना हुई. फिर उन्होंने ट्वीट को डिलिट करके नया ट्वीट किया.
हरिवंश राय बच्चन की ‘अग्निपथ’ पोस्ट की
जहां एक ओर आदित्य ठाकरे ने अपने इंस्टाग्राम अकाउंट पर हरिवंश राय बच्चन की प्रसिद्ध कविता ‘अग्निपथ’ भी पोस्ट की. वहीं, शिंदे गुट के नेता प्रतापराव जाधव ने कहा कि निर्वाचन आयोग ने सही फैसला लिया है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ गठबंधन कर शिवसेना के संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे की विचारधारा को त्याग दिया है.