पुण्यतिथि विशेष: देश के एक ऐसा नेता जिनके पास था डिग्रियों का अंबार, लिम्का बुक में दर्ज है रिकॉर्ड
अगर कोई आपसे कहे कि किसी व्यक्ति के पास 20 से अधिक पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्रियां है, तो शायद आपको यकीन नहीं होगा. अगर इसे मान भी लिया जाए तो आप उस व्यक्ति को वेबकूफ कहेंगे क्योंकि कई लोग समान्य तौर पर एक ही पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री लेते हैं. हालांकि, भारत का एक ऐसा व्यक्ति था जिसके पास 20 पोस्ट ग्रेजुएट की डिग्रियां थी.
हमारे देश में कई ऐसे नेता हैं जिनकी डिग्रियां सवालों के घेरे में हैं. लेकिन इन सबके बीच एक भारतीय राजनीति में एक नाम ऐसा भी है जिसके पास 1-2 नहीं, 20 डिग्रियां थीं. भारतीय राजनीति में जहां महज आठवीं और दसवीं पास नेता बड़े-बड़े मंत्रालय संभाल चुके हों, वहां एक नेता ऐसा था, जिसकी शिक्षा उसकी पहचान बनी. हम बात कर रहे हैं कांग्रेस के नेता श्रीकांत जिचकर की. उनके पास एक नहीं बल्कि 20 बड़ी डिग्रियां थीं. इतनी डिग्रियों के कारण इनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में ‘मोस्ट क्वालिफाइड इंडियन’ के रूप में दर्ज है.
Also Read: J&K: एलओसी पर घुसपैठ के दौरान सेना ने तीन आतंकियों को मार गिराया, सर्च ऑपरेशन जारीनागपुर में जन्मे श्रीकांत जिचकर जिचकर 20 डिग्री थी, भारत के सबसे क्वालिफाइड व्यक्ति के रूप में प्रसिद्ध हुए. वो आईपीएस और आईएएस में सेलेक्ट हुए लेकिन इन शानदार नौकरियों को ठुकरा दिया. महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा और कांग्रेस के विधायक बने. फिर 14 विभागों के ताकतवर मंत्री. 1986 से 92 तक वो महाराष्ट्र विधान परिषद और 1992-98 में राज्यसभा के सांसद रहे. 1980 में 25 साल की उम्र में वह विधायक बन गए थे.
श्रीकांत जिचकर ने सबसे पहले एमबीबीएस किया उसके बाद उन्होंने एमडी भी किया. मेडिसिन में सफलतापूर्वक मास्टर्स करने के बाद, उन्होंने वकील बनने के लिए एलएलबी किया और अंतर्राष्ट्रीय कानून में पोस्ट ग्रेजुएट किया.कानून की पढ़ाई करने के बाद उन्होंने और पढ़ने का निर्णय लिया और व्यवसाय प्रशासन में स्नातकोत्तर और पत्रकारिता में स्नातक की उपाधि प्राप्त की.
उन्हें संस्कृत में साहित्य का डॉक्टरेट भी मिला, जो किसी भी विश्वविद्यालय में सर्वोच्च डिग्री है. कहा जाता है कि श्रीकांत ने अपनी सभी डिग्री फर्स्ट क्लास अर्जित की थी और कई में उन्होंने गोल्ड मेडल भी हासिल किया. भारत में सबसे कठिन परीक्षा सिविल सेवा की मानी जाती है, श्रीकांत ने इस परिक्षा को क्लियर किया वो भी एक बार नहीं दो बार. पहली बार वो आईपीएस बने और दूसरी बार आईएएस और दोनों बार उन्होंने रिजाइन किया और राजनीति में प्रवेश किया. श्रीकांत को पढ़ाई के अलावा पेंटिंग, फोटोग्राफी और अभिनय से भी शौक था.
श्रीकांत के पास एमबीबीएस, एमडी, एलएलबी, एमए पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, एमए समाजशास्त्र, एमए अर्थशास्त्र, एमए संस्कृत, एमए इतिहास, एमए अंग्रेजी साहित्य, एमए दर्शनशास्त्र, एमए राजनीति विज्ञान, एमए प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति और पुरातत्व, एमए मनोविज्ञान, अंतर्राष्ट्रीय कानून, एलएलएम, डीबीएम और एमबीए, पत्रकारिता में स्नातक, डी लिट संस्कृत डिग्रियां थी. हालंकि, श्रीकांत की 2 जून 2004 को कार दुर्घटना में 51 साल की उम्र में मृत्यु हो गई.
Posted by: utpal kant