मनी लॉन्ड्रिंग मामले में महबूबा मुफ्ती को 15 मार्च को ईडी ने किया तलब
mahbooba mufti mony laundring Mehbooba Mufti summoned by ED on March 15 in money laundering case mahbooba mufti politics राष्ट्रीय राजधानी में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए नोटिस दिया गया है. ईडी के समन के बाद महबूबा ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केंद्र सरकार की डराने-धमकाने की तरकीब काम नहीं आएगी. उन्होंने ईडी के नोटिस का उल्लेख किए बिना ट्विटर पर लिखा, ‘‘केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने-धमकाने की तरकीब अपना रही है. वे नहीं चाहते कि हम उनकी दंडात्मक कार्रवाई और नीतियों पर सवाल करें.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने धनशोधन के एक मामले में जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को पूछताछ के लिए 15 मार्च को तलब किया है . अधिकारियों ने यह जानकारी दी. जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म किए जाने के बाद एक साल से ज्यादा की हिरासत के बाद पीडीपी नेता मुफ्ती (60) को पिछले साल रिहा किया गया था.
उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में ईडी मुख्यालय में पेश होने के लिए नोटिस दिया गया है. ईडी के समन के बाद महबूबा ने कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ केंद्र सरकार की डराने-धमकाने की तरकीब काम नहीं आएगी.
उन्होंने ईडी के नोटिस का उल्लेख किए बिना ट्विटर पर लिखा, ‘‘केंद्र सरकार राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को डराने-धमकाने की तरकीब अपना रही है. वे नहीं चाहते कि हम उनकी दंडात्मक कार्रवाई और नीतियों पर सवाल करें.
इस तरह का हथकंडा सफल नहीं होगा.” अधिकारियों ने बताया कि धनशोधन रोकथाम कानून के तहत एक मामला दर्ज किया गया है. एजेंसी के सूत्रों ने यह नहीं बताया कि किस मामले में मुफ्ती को तलब किया गया है लेकिन संकेत दिया कि जम्मू एंड कश्मीर बैंक से पूर्व में लिए गए कर्ज में कथित वित्तीय अनियिमतता से जुड़ा मामला हो सकता है.
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एजेंसी ने पिछले साल दिसंबर में पीडीपी नेता के करीबी सहयोगी अंजुम फजिली के परिसरों की तलाशी ली थी और 28 लाख रुपये नकदी जब्त की थी. धनशोधन के मामले में फजिली के श्रीनगर और दिल्ली में परिसरों पर छापेमारी की गयी थी.
महबूबा को ईडी के समन की आलोचना करते हुए गुपकर घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ‘राजनीतिक प्रतिशोध’ की कार्रवाई से जम्मू कश्मीर में हालात सुधारने में मदद नहीं मिलेगी. जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र को प्रतिशोध की इस तरह की कार्रवाई को बंद करना चाहिए और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को सुचारू रूप से चलने देना चाहिए.