लोकसभा की सदस्यता जाने के बाद महुआ मोइत्रा ने कहा- ‘कितना परेशान करेंगे’, पढ़ें सात प्रमुख बयान
लोकसभा से निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने मीडिया से बातचीत की और सरकार एवं एथिक्स कमेटी पर जमकर हमला बोला. आइए आपको बताते है कि उन्होंने क्या कुछ कहा.
Mahua Moitra Lok Sabha: टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा की लोकसभा की सदस्यता नहीं रही. सदन में पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में उन्हें आज लोकसभा की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है. लोकसभा सांसद प्रह्लाद जोशी ने सदन में प्रस्ताव पेश किया जिसे स्वीकार कर लिया गया. इस दौरान विपक्षी दल के नेताओं ने सदन से वॉक आउट कर लिया और निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने मीडिया से बातचीत की और सरकार एवं एथिक्स कमेटी पर जमकर हमला बोला. आइए आपको बताते है कि उन्होंने क्या कुछ कहा.
#WATCH | Mahua Moitra on her expulsion as a Member of the Lok Sabha says, "…If this Modi government thought that by shutting me up they could do away with the Adani issue, let me tell you this that this kangaroo court has only shown to all of India that the haste and the abuse… pic.twitter.com/DKBnnO4Q0d
— ANI (@ANI) December 8, 2023
सदन से निष्कासन के बाद महुआ मोइत्रा ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि कमेटी को मेरे खिलाफ कोई भी ठोस सबूत नहीं मिला है लेकिन, उन्हें जान बुझकर फंसाया गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आप मुझे कितना परेशान करेंगे, मैं हर बार अपनी बात रखूंगी.
आगे महुआ मोइत्रा ने आरोप लगाते हुए कहा कि मैंने अदाणी का मुद्दा सदन में उठाया था इसलिए ऐसा किया गया है और मेरी सदस्यता खत्म की गई है. उन्होंने कहा कि ये मुद्दे से ध्यान भटकाने के लिए किया गया है.
साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जांच के दौरान कैश या गिफ्ट का कहीं भी कोई सबूत नहीं मिल है. बता दें कि महुआ मोइत्रा के ऊपर पैसे लेकर सदन में सवाल पूछने का आरोप लगाया गया है. आचार समिति ने मुद्दे की जड़ तक पहुंचे बिना मुझे दोषी ठहराने का फैसला किया है.
उन्होंने यह भी कहा है कि हलफनामे में कुछ और है और यहां कुछ और पेश किया गया है. साथ ही उन्होंने एथिक्स कमिटी के जांच प्रक्रिया पर भी सवाल खड़ा किया है और कहा कि कमेटी ने गहन जांच नहीं की है.
उन्होंने सवाल खड़ा करते हुए कहा है कि आरोप लगाने वाले बिजनेसमैन को क्यों नहीं बुलाया गया. उन्होंने कहा कि जांच के दौरान उन्हें बुलाया जाना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सदन को निष्कासन का कोई अधिकार नहीं है.
उन्होंने यह भी कहा कि मेरे खिलाफ पूरा मामला लॉगिन विवरण साझा करने पर आधारित है, लेकिन इस पहलू के लिए कोई नियम तय नहीं है.
महुआ मोइत्रा ने यह भी कहा कि सांसद आम जनता के सवालों को संसद तक पहुंचाने में सेतु की भूमिका निभाते हैं, ‘कंगारू अदालत (अवैध अदालत)’ ने बिना सबूत के मुझे सजा दी.
बता दें कि महुआ मोइत्रा की सदस्यता रद्द होने के बाद कई विपक्षी दलों का प्रदर्शन संसद भवन में चल रहा है. सभी गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर रहे है.