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मोदी को बदनाम करने की साजिश? जानें क्या है निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा मामला जिसपर कोर्ट में होगी सुनवाई

Mahua Moitra vs Nishikant Dubey : बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने वकील देहाद्रई से मिले एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वकील ने एक कारोबारी द्वारा टीएमसी नेता को रिश्वत दिये जाने के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिनका खंडन नहीं किया जा सकता.

निशिकांत दुबे और महुआ मोइत्रा का मामला इन दिनों सुर्खियों में है. दिल्ली हाईकोर्ट टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा(Mahua Moitra) की याचिका पर शुक्रवार को यानी आज सुनवाई कर सकता है, जिसमें बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे, एक वकील और कई सोशल मीडिया प्लेटफार्म और मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ कोई भी फर्जी और अपमानजनक सामग्री पोस्ट करने, प्रसारित करने या प्रकाशित करने से रोकने का निर्देश देने की मांग की गई है. आपको बता दें कि याचिका 17 अक्टूबर को दायर की गयी थी जो न्यायमूर्ति सचिन दत्ता के समक्ष सुनवाई के लिए सूचीबद्ध है. पश्चिम बंगाल की कृष्णनगर लोकसभा सीट से सांसद मोइत्रा ने दुबे, वकील जय अनंत देहाद्रई, सोशल मीडिया प्लेटफार्म ‘एक्स’, सर्च इंजन गूगल, यूट्यूब और 15 मीडिया संस्थानों को उनके खिलाफ अपमानजनक और दुर्भावनापूर्ण बयानों के प्रकाशन, प्रसारण से स्थायी रूप से रोकने का अनुरोध किया है. निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर संसद में प्रश्न पूछने के लिए एक उद्यमी से रिश्वत लेने का आरोप लगाया है. उन्होंने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से अनुरोध किया है कि मोइत्रा के खिलाफ आरोपों के मामले में जांच के लिए एक समिति का गठन किया जाए.

बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने वकील देहाद्रई से मिले एक पत्र का हवाला देते हुए कहा कि वकील ने एक कारोबारी द्वारा टीएमसी नेता को रिश्वत दिये जाने के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिनका खंडन नहीं किया जा सकता. लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में दुबे ने दावा किया कि मोइत्रा द्वारा हाल में लोकसभा में पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 केवल अदाणी समूह पर केंद्रित थे. टीएमसी सांसद इस उद्योग समूह पर अनियमितताओं का आरोप लगाती रही हैं. मोइत्रा ने हाईकोर्ट में अपनी याचिका में आरोपों को खारिज किया है और दावा किया कि उनकी साख खराब करने के लिए ये आरोप गढ़े गये हैं.

मोदी को बदनाम करने के लिए अदाणी पर निशाना

इस बीच रियल एस्टेट से लेकर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाले समूह हीरानंदानी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) दर्शन हीरानंदानी ने कहा है कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता महुआ मोइत्रा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बदनाम करने के लिए उद्योगपति गौतम अदाणी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि मोइत्रा का इरादा प्रधानमंत्री को बदनाम करना था क्योंकि उनकी प्रतिष्ठा के कारण विपक्षी दलों को उन पर हमले का मौका नहीं मिलता. आरोप लगा है कि हीरानंदानी समूह ने अदाणी समूह के बारे में संसद में सवाल उठाने के लिए टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा को कथित तौर पर भुगतान किया था.

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एक हस्ताक्षरित हलफनामे में हीरानंदानी ने स्वीकार किया कि सरकार के स्वामित्व वाली इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (आईओसी) द्वारा उनकी कंपनी के एलएनजी टर्मिनल के बजाये ओडिशा में धामरा एलएनजी आयात सुविधा केंद्र को चुनने के बाद उन्होंने अदाणी पर निशाना साधते हुए सवाल पूछने के लिए मोइत्रा के संसदीय लॉगिन का इस्तेमाल किया था. उन्होंने दावा किया कि मोइत्रा ने ‘‘महंगी विलासिता की वस्तुएं, दिल्ली में उनके आधिकारिक तौर पर आवंटित बंगले के नवीनीकरण में सहायता, यात्रा खर्च, छुट्टियों के अलावा देश और दुनिया में विभिन्न स्थानों पर उनकी यात्राओं के लिए मदद की लगातार मांग की.

भाषा इनपुट के साथ

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