क्या महुआ मोइत्रा को लोकसभा से किया जाएगा निष्कासित? आरोप लगने से लेकर सीबीआई जांच तक क्या-क्या हुआ जानें
mahua moitra vs nishikant dubey : मसौदा रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार को मोइत्रा और व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के बीच धन के कथित लेन-देन की जांच करनी चाहिए. जानें आरोप लगने से लेकर सीबीआई जांच तक क्या-क्या हुआ.
mahua moitra vs nishikant dubey : टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ लगे ‘रिश्वत लेकर प्रश्न पूछने’ यानी ‘कैश फॉर क्वेरी’ संबंधी आरोपों की जांच कर रही लोकसभा की आचार समिति राष्ट्रीय सुरक्षा पर ‘अनैतिक आचरण’ का असर पड़ने के आधार पर उन्हें संसद के निचले सदन से निष्कासित करने की सिफारिश करने का फैसला कर सकती है. बीजेपी सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली समिति अपनी मसौदा रिपोर्ट को स्वीकारने के लिए गुरुवार शाम बैठक करने वाली है. इस बैठक में विपक्षी सदस्यों द्वारा रिपोर्ट की सिफारिशों का पुरजोर विरोध किए जाने की संभावना जताई जा रही है. आइए जानते हैं मामले को लेकर अबतक क्या है अपडेट
-बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मोइत्रा के खिलाफ शिकायत की थी. उन्होंने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था.
-बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने यह भी दावा किया कि वकील जय अनंत देहाद्राई ने उन्हें कथित रिश्वत के सबूत उपलब्ध कराए थे.
-पदाधिकारियों के अनुसार, निशिकांत दुबे ने अपने बयान में सुझाव दिया कि मोइत्रा को जांच होने तक तुरंत निलंबित कर दिया जाना चाहिए. बीजेपी सांसद ने बताया था कि ऐसा 2005 में किया गया था जब 11 सांसदों को क्वेरी के लिए नकद के आरोप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था.
-टीएमसी की सांसद महुआ मोइत्रा स्वीकार कर चुकीं हैं कि उन्होंने उनके लॉगिन का उपयोग किया है, लेकिन किसी भी तरह के लेनदेन से उन्होंने इनकार किया है. मोइत्रा ने कहा था कि अधिकांश सांसद अपने लॉगिन क्रेडेंशियल दूसरों के साथ शेयर करते हैं.
-‘कैश फॉर क्वेरी’ मामले में टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा बुरी तरह घिरतीं नजर आ रहीं हैं. कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के कबूलनामे के बाद मामला और बढ़ गया. हीरानंदानी ने मोइत्रा को महंगे गिफ्ट देने की बात स्वीकार की है.
-बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने मोइत्रा पर रिश्वत के बदले कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अदाणी समूह को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि वह हीरानंदानी ही थे, जिन्होंने मोइत्रा के सांसद वाले लॉगिन का इस्तेमाल विभिन्न स्थानों, ज्यादातर दुबई से प्रश्न दर्ज करने के लिए किया था.
-समिति द्वारा मोइत्रा के खिलाफ आरोपों पर गंभीर रुख अपनाने की संभावना है. ऐसा इसलिए क्योंकि पूछताछ के बाद महुआ मोइत्रा बाहर निकलीं तो वह गुस्से में थीं. उन्होंने इस दौरान एथिक्स कमेटी के चैयरमैन विनोद कुमार सोनकर पर व्यक्तिगत सवाल पूछने का आरोप लगाया था.
-माना जाता है कि देहाद्राई, मोइत्रा से अलग होने से पहले उनके करीबी दोस्त थे. उनके इस पुराने दोस्त और वकील ने महुआ पर कुत्ते की चोरी/अपहरण करने का आरोप लगाया.
-2 नवंबर को टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा अपने ऊपर लगे आरोपों को लेकर एथिक्स कमेटी के सामने पेश हुईं. पैनल के विपक्षी सदस्यों के साथ, मोइत्रा यह आरोप लगाते हुए बाहर चली गईं कि उनसे व्यक्तिगत प्रश्न पूछे जा रहे थे. समिति के विपक्षी सदस्यों ने भी सवाल पूछने के तरीके पर सवाल उठाए और आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस सांसद से व्यक्तिगत सवाल पूछे गए. बसपा सांसद दानिश अली, जनता दल (यूनाइटेड) सांसद गिरिधारी यादव और कांग्रेस सांसद उत्तम कुमार रेड्डी उन लोगों में शामिल थे जो बैठक से बाहर चले गए.
-बुधवार को, बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे ने दावा किया कि भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल लोकपाल ने ‘कैश फॉर क्वेरी’ विवाद में उनकी शिकायत के आधार पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को आदेश दिया है. दुबे ने 21 अक्टूबर को मोइत्रा के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी लोकपाल में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें उन पर संसद में सवाल उठाने के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया था. दुबे ने कहा कि सांसद महुआ मोइत्रा द्वारा कथित भ्रष्टाचार किए जाने की उनकी शिकायत पर उनके (मोइत्रा के) खिलाफ जांच का आदेश दिया है.
-टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने कैश फॉर क्वेरी केस में सीबीआई जांच को लेकर अपनी बात सोशल मीडिया पर रखी. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि मीडिया मेरा उत्तर जानने के लिए कॉल कर रहे हैं. आगे उन्होंने कड़े शब्दों में लिखा कि सीबीआई को 13 हजार करोड़ रुपये के अदाणी कोल स्कैम मामले में पहले एफआईआर दर्ज करनी होगी. उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा का मुद्दा यह है कि, कैसे संदिग्ध एफपीआई स्वामित्व वाली (चीनी और संयुक्त अरब अमीरात सहित) अदाणी कंपनियां भारतीय बंदरगाहों और हवाई अड्डों को खरीद रही है.
-एक अन्य पोस्ट में सांसद मोइत्रा ने मजाकिया लहजे में लिखा कि उन्हें यह जानकर बहुत खुशी हुई कि लोकपाल अस्तित्व में है… लोकपाल अभी जिंदा है…
-ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि विपक्षी सदस्यों के असहमति नोट की संभावना के बीच समिति, स्पीकर ओम बिड़ला को अपनी रिपोर्ट में मोइत्रा के खिलाफ सिफारिश कर सकती है.