लोकसभा की आचार समिति तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर ‘पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने’ के आरोपों पर गुरुवार को अपनी पहली बैठक करेगी जिसमें शिकायतकर्ता भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे व वकील जय अनंत देहाद्रई अपने बयान दर्ज करा सकते हैं. डॉ दुबे ने लोस अध्यक्ष ओम बिरला से की गयी शिकायत में देहाद्रई द्वारा साझा किये गये दस्तावेजों का उल्लेख किया है. बिरला ने मामले को भाजपा सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति को भेज दिया. डॉ दुबे ने कहा है कि देहाद्रई ने कथित रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता.
मोइत्रा बताएं कि विदेश यात्राओं का खर्च किसने दिया : दुबे
भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दुबे ने सवाल पूछने के बदले रिश्वत के आरोपों पर सांसद मोइत्रा के समक्ष कई प्रश्न खड़े किये. उन्होंने ‘एक्स’ पर पोस्ट में मोइत्रा से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि उनका एनआइसी मेल दुबई में खोला गया था या नहीं. उनकी विदेश यात्राओं का खर्च किसने वहन किया. विदेश जाने के लिए लोस अध्यक्ष व विदेश मंत्रालय से कभी अनुमति ली गयी थी या नहीं? सांसद निशिकांत दुबे ने बुधवार को टीएमसी की लोकसभा सदस्य महुआ मोइत्रा पर अपना हमला तेज कर दिया और उनके खिलाफ ‘‘सवाल पूछने के बदले रिश्वत’’ के आरोपों को लेकर कई प्रश्न खड़े किए तथा कहा कि यह संसद की गरिमा और भारत की सुरक्षा का मामला है. सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में, उन्होंने मोइत्रा से यह स्पष्ट करने के लिए कहा कि उनका राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) मेल दुबई में खोला गया था या नहीं और उनकी विदेश यात्राओं का खर्च किसने वहन किया था.
विदेश मंत्रालय से कभी अनुमति ली गई थी या नहीं?
भाजपा सांसद ने मोइत्रा का नाम लिए बिना पोस्ट में कहा कि सवाल अडाणी, डिग्री या चोरी के बारे में नहीं है, बल्कि देश को गुमराह कर आपके भ्रष्टाचार का है. उन्होंने ‘‘डिग्री वाली देश बेचे’’ और ‘‘चंद पैसे के लिए जमीर बेचे’’ हैशटैग के साथ लिखा कि सवाल संसद की गरिमा, भारत की सुरक्षा और उक्त सांसद के स्वामित्व, भ्रष्टाचार और आपराधिकता का है. दुबे ने कहा कि जवाब देना है कि दुबई में एनआईसी मेल खोला गया था या नहीं? पैसे के बदले सवाल पूछे गए या नहीं? विदेश यात्राओं का खर्च किसने वहन किया? विदेश जाने के लिए लोकसभा अध्यक्ष और विदेश मंत्रालय से कभी अनुमति ली गई थी या नहीं?
मोइत्रा के खिलाफ दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच
केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को कहा था कि एनआईसी मोइत्रा के खिलाफ दुबे द्वारा लगाए गए आरोपों की जांच में संसद की आचार समिति को ‘‘पूरा सहयोग’’ देगा. दुबे ने वैष्णव के पत्र की एक प्रति ‘एक्स’ पर साझा करते हुए कहा था कि यह ‘‘धर्म युद्ध’’ की शुरुआत है. वहीं, मोइत्रा ने कहा कि वह दुबे के पत्र पर वैष्णव की प्रतिक्रिया से ‘‘खुश’’ हैं. दुबे ने मोइत्रा पर अदाणी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर लोकसभा में सवाल पूछने के लिए पैसे लेने का आरोप लगाया है. इससे पहले, भाजपा सांसद ने इस संबंध में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखा था.
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वैष्णव को 15 अक्टूबर को लिखे अपने पत्र में दुबे ने मोइत्रा के खिलाफ आरोपों को ‘‘अत्यंत गंभीरता’’ से लेते हुए टीएमसी सांसद के लोकसभा अकाउंट के लॉगिन के संबंध में ‘आईपी एड्रेस’ की जांच कराने की मांग की और यह पता लगाने का आग्रह किया कि क्या कभी उनके अकाउंट को उस स्थान से लॉगिन किया गया, जहां वह मौजूद नहीं थीं. दुबे को जवाब देते हुए सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने कहा कि उनके द्वारा उठाए गए मुद्दे गंभीर महत्व के हैं. उन्होंने कहा कि एनआईसी उसकी सेवाएं प्राप्त करने वाली संस्थाओं के निर्देश पर एक सेवा प्रदाता के रूप में कार्य करता है. एक सेवा प्रदाता के रूप में, एनआईसी भारत सरकार की विभिन्न संस्थाओं को सूचना प्रौद्योगिकी सेवाएं प्रदान करने में सहायक है.