Maiden Pharma: गाम्बिया में कथित तौर पर खांसी की दवाई के कारण 66 बच्चों की मौत पर मेडेन फार्मास्युटिकल्स लिमिटेड ने शनिवार को अपनी प्रतिक्रिया दी है. मेडेन फार्मास्युटिकल्स ने कहा कि हम घरेलू बाजार में कुछ नहीं बेच रहे हैं. हम प्रमाणित और प्रतिष्ठित कंपनियों से कच्चा माल प्राप्त कर रहे हैं. सीडीएससीओ के अधिकारियों ने नमूने लिए हैं और हम परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
मालूम हो कि भारत की एक दवा कंपनी द्वारा बनाए गए सर्दी-खांसी के सिरप पीने से पश्चिमी अफ्रीकी देश गांबिया में 66 बच्चों की मौत मामले पर डब्ल्यूएचओ (WHO) की ओर से बुधवार को जारी रिपोर्ट में कहा कि खांसी की दवा डाइथेलेन ग्लाइकोल और इथिलेन ग्लाइकोल इंसान के लिए जहर की तरह हैं. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इन सिरप का इस्तेमाल नहीं करने की चेतावनी भी जारी की है. अब तक खांसी की 4 दवाओं की पहचान मौत के कारण के रूप में की गई है.
We're not selling anything in domestic market. We've been obtaining raw materials from certified & reputed companies. CDSCO officials have taken samples & we are awaiting the results: Maiden Pharmaceuticals Ltd on deaths of 66 children in Gambia allegedly due to their cough syrup pic.twitter.com/HFEJbx1POx
— ANI (@ANI) October 8, 2022
बताया जाता है कि मेडेन फार्मास्युटिकल्स का पिछला रिकार्ड काफी संदिग्ध और विवादास्पद है. गाम्बिया में बच्चों की मौत के बाद डब्ल्यूएचओ ने जिन दवाओं को प्रतिबंधित किया है, उनमें प्रोमेथाजिन ओरल साल्यूशन, कोफेक्समालिन बेबी कफ सिरप, मकाफ बेबी कफ सिरप और मैग्रीप एन कोल्ड सिरप शामिल हैं. ये दवाएं सोनीपत स्थित मेडेन फार्मास्युटिकल्स ने बनाए हैं. इन दवाइयों में डायथाइलीन ग्लाइकाल और एथिलीन ग्लाइकाल की मात्रा मंजूरी से ज्यादा थी.
बताया गया कि ऐसे खांसी सिरप के विषाक्त प्रभावों के कारण पेट दर्द, सिर दर्द, उल्टी, दस्त, पेशाब करने में कठिनाई, मानसिक स्थिति में परिवर्तन और गुर्दे को गंभीर नुकसान शामिल हैं. इनके कारण मौत भी हो सकती है.
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