भारत अब स्वदेशी हथियारों का निर्यात करेगा. रक्षा मंत्रालय से जुड़े सूत्रों के अनुसार ऐसी ही खबरें आ रही है कि भारत सरकार स्वदेशी हथियारों और सैन्य उपकरणों को निर्यात करने की रणनीति पर काम कर रही है. इसके लिए सरकार मित्र देशों को राजनयिक संबंधो का इस्तेमाल कर सकती है. इस बात को बल इसलिए मिल रहा है क्योंकि रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव ने एक वेबमीनार में कहा की भारत सरकार मित्र देशों के राजनयिकों से बातचीत कर यह जानने का प्रयास कर रही है कि उन्हें किस तरह के हथियारों की जरूरत है. ताकि उनकी मांग के हिसाब से देश में रक्षा उपकरणो और हथियारों का निर्माण किया जा सके.
उन्होंने कहा कि भारत सरकार अपने राजनियक संबंधों के जरिये मेक इन इंडिया के तहत बनाये जाने वाले हथियारों को निर्यात करने की रणनीति पर काम कर रही है. साथ ही कहा कि 101 सामानों के अलावा भी कई सारे सामानों को खरीदा नहीं जाएगा, उनका उत्पादन भारत में ही किया जाएगा. रक्षा उत्पादन विभाग के सचिव ने उन्हें उम्मीद है कि इसके लिए रक्षा क्षेत्र में काम करने वाली भारत की निजी कंपनिया सामने आयेंगी और निवेश करेगी. ताकि भारत को हथियारों का आयात नहीं करना पड़े. बता दें कि बता दे रक्षा कंपनियों के लिए उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में दो डिफेंस कॉरिडोर बनाए गए हैं.
इस महीने की नौ तारीख को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ऐलान किया था कि रक्षा मंत्रालय अब आत्मनिर्भर भारत की राह अपनाएगा. रक्षा उत्पादन के स्वदेशीकरण को बढ़ावा देने के लिए 101 रक्षा उत्पादों के आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा और इन्हें स्वदेशी स्तर पर बनाया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत बनाने की बात की है, हमें कड़ी प्रतिस्पर्धा के लिये खुद को तैयार करना होगा और वैश्विक मूल्य शृंखला की चुनौतियों का सामना करने के लिये तैयार रहना होगा. उन्होंने कहा, रक्षा क्षेत्रों में स्वदेशी हथियार के लिए अलग से बजट होगा. डिफेंस उत्पान आयात न किये जाने वाले उत्पादों की लिस्ट बनेगी. सेना को आधुनिक हथियारों की जरूरत है, उनका उत्पादन भारत में होगा.
Posted By: Pawan Singh