मल्लिकार्जुन खरगे बने विपक्ष के ‘पीएम फेस’ तो बीजेपी को कितना होगा नुकसान? जानें विस्तार से
विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठक मंगलवार को दिल्ली में हुई. इस बैठक में सबसे बड़ी बात निकल कर सामने आयी प्रधानमंत्री उम्मीदवार के नाम की. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपनी ओर से पीएम फेस प्रस्तावित किया.
Mallikarjun Kharge : विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठक मंगलवार को दिल्ली में हुई. इस बैठक में सबसे बड़ी बात निकल कर सामने आयी प्रधानमंत्री उम्मीदवार के नाम की. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने अपनी ओर से पीएम फेस प्रस्तावित किया. दोनों ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा है. इस पर जहां एक ओर गठबंधन से अंदर संग्राम भी छिड़ा हुआ है वहीं, बीजेपी कह रही है कि राहुल गांधी को दौड़ से बाहर करने के लिए ऐसा किया गया है. इन सबके बीच आपको बता दें कि अगर सभी डाल जो गठबंधन में है अगर इस नाम पर सहमति जताते है तो यह I.N.D.I.A. अलायंस का मास्टरस्ट्रोक साबित होगा या नहीं? आइए जानते है विस्तार से…
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विपक्षी गठबंधन की ओर से अगर मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री उम्मीदवार बनाया जाता है तो वह राहुल गांधी के मुकाबले नरेंद्र मोदी को कड़ी टक्कर दे सकते है या नहीं आइए जानते है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने मल्लिकार्जुन खरगे एक दलित चेहरा पीएम की रेस में मौजूद रहेंगे. राजनीति में उनका अच्छा खासा अनुभव जरूर है लेकिन, नरेंद्र मोदी को टक्कर देने के लिए उनकी प्रसिद्धता उतनी बड़ी शायद ना दिखे. साथ ही राहुल गांधी आज भी विपक्ष का बड़ा चेहरा है. ऐसे में सभी दलों की ओर से मलिकार्जुन खड़े को स्वीकार किया जाता है या नहीं, ये भी एक बड़ा सवाल रहेगा.
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हालांकि, अगर ऐसा संभव हुआ तो विपक्ष एक ही नारे से साथ चुनाव में उतार सकती है कि देश को पहला दलित प्रधानमंत्री मिले. अगर ऐसा संभव हुआ तो उम्मीद है कि कुछ पार्टियां जैसे बहुजन समाजवादी पार्टी को विपक्ष के इस राह को समर्थन दे. ऐसे में भारतीय जनता पार्टी को बड़ा नुकसान हो सकता है.
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आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश वो राज्य है जहां 2014 और 2019 में बीजेपी ने थोक में सीटें जीती थीं, इसलिए अगर एक व्यक्ति, एक सीट और दलित वोट एकमुश्त में पड़ेंगे तो हिन्दी पट्टी से बीजेपी की जोरदार उम्मीदें धूमिल हो सकती हैं.
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अगर बात मल्लिकार्जुन खरगे की करें तो जब से उन्हें कांग्रेस अध्यक्ष बनाया गया है तब से उन्होंने कभी भी पीछे मुड़कर नहीं देखा है. साथ ही राजस्थान में सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच के झड़गे को भी सुलझाने के श्रेय उन्हें दिया जाता है. धीरे-धीरे वो संगठन पर पकड़ मजबूत कर रहे हैं, गांधी फैमिली के लिए वो भरोसेमंद बनते जा रहे हैं और उन्होंने बड़ी विपक्षी पार्टियों के साथ बातचीत का रास्ता खोल दिया है. कर्नाटक और तेलंगाना के नतीजों ने उनके नेतृत्व को भरोसे और वैद्यता की अतिरिक्त चादर दे दी है.
‘राहुल गांधी को रेस से बाहर करने के लिए ऐसा किया’
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने भी दावा किया कि आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों के गठबंधन ‘इंडिया’ की ओर से कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा ताकि राहुल गांधी को दौड़ से “बाहर” किया जा सके। ममता बनर्जी और अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को दिल्ली में एक बैठक के बाद विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की तरफ से खरगे को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने का प्रस्ताव रखा.