नई दिल्ली : विधानसभा चुनाव के दौरान पांच राज्यों में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस में आतंरिक घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है. बगावती नेताओं का समूह जी-23 पांच राज्यों में मिली हार के पीछे पार्टी नेतृत्व की कमजोर रणनीति को जिम्मेदार ठहरा रहा है. बागी नेता पार्टी में आमूल परिर्तन पर आमादा हैं. वहीं, गांधी परिवार के करीबी उनका पुरजोर विरोध कर रहे हैं. जी-23 का नेतृत्व कर रहे राज्यसभा के पूर्व सांसद गुलाम नबी आजाद ने अभी हाल में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर पार्टी की एकजुटता और 2024 के लोकसभा चुनाव पर बातचीत की. उनकी इस मुलाकात के बाद राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़ने ने उनकी तारीफ की है.
मीडिया से बातचीत करते हुए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि गुलाम नबी आजाद सालों से पार्टी में हैं. वे सब कुछ जानते हैं. उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की. उन्होंने पार्टी को साथ रखने की बात कही है. यह एक अच्छा संकेत है. उन्होंने कहा कि वह पार्टी को मजबूत करना चाहते हैं, यह एक स्वागत योग्य कदम है.
कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि पार्टी को मजबूत करने के लिए सभी को साथ आना चाहिए. उन्होंने कहा कि पार्टी के कमजोर होने के लिए अकेले गांधी परिवार को जिम्मेदार ठहराना सही नहीं है. इसके लिए हम सब कांग्रेसी नेता जिम्मेदार हैं. खड़गे ने कहा कि कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में भी ज्यादातर लोगों ने यही बात मानी थी.
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बता दें कि शुक्रवार को गुलाम नबी आजाद ने जी-23 के नेताओं से बैठक के बाद सोनिया गांधी से मुलाकात की थी. मुलाकात के बाद आजाद ने कहा कि उनकी सोनिया गांधी से आने वाले चुनावों की रणनीति को लेकर चर्चा हुई. पार्टी अध्यक्ष को लेकर उन्होंने कहा कि आने वाले चुनावों के वक्त तय हो जाएगा कि कौन पार्टी अध्यक्ष होगा. उन्होंने बताया कि कांग्रेस कार्यसमिति में सोनिया गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी, जिसे सभी ने एकमत से खारिज कर दिया था.