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हावड़ा हिंसा मामले पर ममता बनर्जी का आरोप, घटनाओं के पीछे राजनीतिक दलों का हाथ, होगी सख्त कार्रवाई

भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को हावड़ा जिले के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. जिले में हिंसक विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 11, 2022 2:52 PM

कोलकाता : पश्चिम बंगाल के हावड़ा में शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा पर सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटनाओं के पीछे कुछ राजनीतिक दलों के हाथ होने का आरोप लगाया है. उन्होंने राज्य में दंगे भड़काने की कोशिश करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का भरोसा दिया है. उन्होंने पैगंबर मोहम्मद पर विवादास्पद टिप्पणी के संदर्भ में भाजपा के दो नेताओं पर कार्रवाई और इस मामले में शुरू हुए हिंसक विरोध प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए सवाल किया कि पार्टी द्वारा किए गए ‘पाप’ का खामियाज़ा आम लोगों को क्यों भुगतना चाहिए.

आम आदमी क्यों भुगते भाजपा का पाप का खामियाजा

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने ट्वीट कर कहा, ‘जैसा कि मैंने पहले कहा है कि पिछले दो दिनों में हावड़ा में हिंसक घटनाओं से सामान्य जीवन प्रभावित हुआ है. इसके पीछे कुछ राजनीतिक दल शामिल हैं, जो दंगा भड़काना चाहते हैं. लेकिन, इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. भाजपा द्वारा किए गए पाप का खामियाजा आम लोगों को क्यों भुगतना चाहिए.’

भाजपा नेताओं की टिप्पणी के विरोध में भड़की हिंसा

गौरतलब है कि भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नुपुर शर्मा और निष्कासित नेता नवीन कुमार जिंदल द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को हावड़ा जिले के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. जिले में हिंसक विरोध प्रदर्शन को रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, इसके जवाब में प्रदर्शनकारियों ने पथराव किया, कई पुलिस वाहनों में आग लगा दी गई और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया.

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हावड़ा में 13 जून तक इंटरनेट सेवा बंद

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, हावड़ा जिले में 13 जून तक इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर दिया गया है. 15 जून तक उलुबेरिया, डोमजूर और पंचला जैसे कई क्षेत्रों में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी गई है. प्रदर्शनकारियों द्वारा सड़क मार्ग और रेलवे मार्ग को अवरुद्ध करने से आम लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा. हिंसा के कारण कई स्थानीय और एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गईं.

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