आपदा की घड़ी में पश्चिम बंगाल में सियासी अवसर तलाशकर एक-दूसरे पर आरोपों के कीचड़ उछाले जा रहे हैं. इस सियासी दंगल में एक तरफ टीएमसी है तो दूसरी तरफ बीजेपी और कोई किसी से कम नहीं रहना चाहता है. पश्चिम बंगाल यास चक्रवात के बाद तबाही के मंजर को झेल रहा है. उजड़े घर हैं तो पानी भरे खेत. सड़कों पर पेड़ गिरे हैं और कई घरों में अंधेरा पसरा है.
लेकिन, सियासत दर्द कहां जानता है? उसे तो मौका चाहिए खुद की शर्ट दूसरे से ज्यादा सफेद बताने की. दरअसल, पीएम मोदी ने शुक्रवार को यास चक्रवात से तबाही के मंजर को देखा. विशेष विमान के जरिए पीएम मोदी प्रभावित इलाकों के ऊपर से गुजरे और जब सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात करने का वक्त आया तो उन्हें करीब 30 मिनट तक इंतजार भी करना पड़ा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ममता बनर्जी के व्यवहार पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा उनका व्यवहार शिष्टाचार के दायरे से बाहर था. दीदी को आम जनता से मतलब नहीं है. उनका घमंड दिखता है.
Also Read: बंगाल, ओड़िशा और झारखंड को 1,000 करोड़ की मदद, PM मोदी ने यास से पैदा हुए हालात का लिया जायजापीएम नरेंद्र मोदी का यास चक्रवात प्रभावित इलाकों के दौरे के बाद मीटिंग करने का प्रोग्राम था. ऐन मौके पर सीएम ममता बनर्जी ने मीटिंग का बायकॉट कर दिया. पीएम मोदी कलाईकुंडा में सीएम ममता बनर्जी का इंतजार कर रहे थे. करीब 30 मिनट बीत गए और सीएम ममता बनर्जी नहीं आईं. आखिरकार सीएम ममता बनर्जी पहुंची और पीएम मोदी को नुकसान से जुड़े कागज सौंपकर उलटे कदम वापस लौट गईं. इसको लेकर बीजेपी ने ममता बनर्जी पर हमला बोला है.
बताया जाता है कि पीएम मोदी की यास चक्रवात से पैदा हुए हालात पर आयोजित समीक्षा बैठक में बंगाल सरकार की तरफ से कोई प्रतिनिधि नहीं मौजूद थे. सीएम ममता बनर्जी से लेकर राज्य के मुख्य सचिव आलापन बंदोपाध्याय एक ही परिसर में थे. दोनों में से किसी ने भी पीएम नरेंद्र मोदी के स्वागत की जरुरत नहीं समझी. इसके बाद बीजेपी के नेताओं ने सीएम ममता बनर्जी की बखिया उधेड़ने में देरी नहीं की. बंगाल बीजेपी केंद्रीय सह प्रभारी अरविंद मेनन ने ममता बनर्जी पर संघीय ढांचे को नुकसान पहुंचाने का आरोप मढ़ा. बंगाल के लिए सोच पर सवाल भी उठाए.
पश्चिम बंगाल चुनाव के प्रचार के दौरान ममता बनर्जी को मैडम और बेगम तक कहने वाले नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी भी पीछे नहीं रहे. इस बार उन्होंने सीएम ममता बनर्जी को दीदी कहा और उनके व्यवहार को लोकतंत्र के लिए काला दिन बताया. शुभेंदु अधिकारी ने पीएम मोदी की समीक्षा बैठक में ममता बनर्जी के शामिल नहीं होने को तुच्छ राजनीति भरा कदम करार दिया.
एक दिन पहले तक बंगाल सरकार के राहत और बचाव कार्य की सराहना करने वाले राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने भी पीएम मोदी की मीटिंग को बायकॉट करने पर ममता बनर्जी की खूब खबर ली. उन्होंने ट्वीट में लिखा- ममता बनर्जी का मीटिंग में मौजूद नहीं रहना लोकतंत्र और संविधान के लिए अच्छा नहीं है. इन कदमों से ना जनता और ना ही पश्चिम बंगाल का भला हो सकता है.
पीएम मोदी की समीक्षा बैठक से सीएम ममता बनर्जी के नदारद रहने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी सवाल उठाए. राजनाथ सिंह ने ट्वीट में लिखा- ‘आपदा काल में बंगाल की जनता को सहायता देने के भाव से आए हुए प्रधानमंत्री के साथ इस प्रकार का व्यवहार पीड़ादायक है. जन सेवा के संकल्प व संवैधानिक कर्तव्य से ऊपर राजनैतिक मतभेदों को रखने का यह एक दुर्भाग्यपूर्ण उदाहरण है, जो भारतीय संघीय व्यवस्था की मूल भावना को भी आहत करने वाला है.’
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी सीएम ममता बनर्जी के व्यवहार की आलोचना की है. उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा- यास चक्रवात के बाद पीएम मोदी पीड़ितों के साथ खड़े दिखे. ममता बनर्जी को भी जनता के लिए अपने व्यवहार का परिचय देना चाहिए थे. पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने समीक्षा बैठक में शामिल नहीं होकर संविधान की मूल भावना की हत्या कर दी है.
Also Read: यास चक्रवात प्रभावित इलाकों में ममता बनर्जी का हवाई सर्वे, BJP ने नंदीग्राम को याद दिलाकर कसा तंजकेंद्र सरकार ने यास चक्रवात से प्रभावित पश्चिम बंगाल, ओड़िशा और झारखंड के लिए 1,000 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का ऐलान किया है. इसके पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने यास प्रभावित पश्चिम बंगाल और ओड़िशा के इलाकों का हवाई सर्वे किया. पीएम मोदी सबसे पहले ओड़िशा पहुंचे और वहां पर सीएम नवीन पटनायक से मुलाकात करके रिव्यू मीटिंग की. इसके बाद पीएम मोदी ने पश्चिम बंगाल में चक्रवात से पैदा हुए हालात की जानकारी लेने के बाद रिव्यू मीटिंग की. पीएम मोदी ने चक्रवात में मारे गए लोगों के परिजनों के प्रति शोक भी प्रकट किया. इसके साथ पीएम मोदी ने चक्रवात यास में मारे गए लोगों के लिए मुआवजे का ऐलान भी किया.