ममता बनर्जी के करीबी शेख सूफियान को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत, CBI नहीं कर पायेगी गिरफ्तार
West Bengal News: दो महीने से शेख सुफियान गिरफ्तारी से बचते रहे हैं. तुषार मेहता ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है और वह व्यक्ति काफी प्रभावशाली है.
नयी दिल्ली/कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के बेहद करीबी तृणमूल कांग्रेस नेता शेख सूफियान (Sk Sufiyan TMC) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने सूफियान की गिरफ्तारी पर फिलहाल रोक लगा दी है. हालांकि, सूफियान को गिरफ्तारी से अंतरिम राहत ही मिली है.
देश की सर्वोच्च अदालत ने केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) की ओर से हत्या के एक मामले की जांच के सिलसिले में शेख सूफियान को यह अंतरिम राहत दी है. सूफियान नंदीग्राम विधानसभा क्षेत्र में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट रहे थे.
जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ कलकत्ता हाईकोर्ट के उस आदेश को चुनौती देने वाली सूफियान की अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें तृणमूल कांग्रेस के इस नेता की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गयी थी.
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31 जनवरी तक सूफियान की नहीं होगी गिरफ्तारी
शीर्ष अदालत ने पश्चिम बंगाल सरकार को सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किये गये बयान दाखिल करने का निर्देश भी दिया.
विशेष अनुमति याचिका पर निर्धारित तारीख को सुनवाई का जिक्र करते हुए पीठ ने कहा, ‘याचिकाकर्ता और शिकायतकर्ता के वकीलों को सुनवाई की अगली तारीख से पहले अतिरिक्त दस्तावेज, यदि कोई हो, दाखिल करने की अनुमति है. मामला 31 जनवरी, 2022 के लिए सूचीबद्ध है. इस बीच याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी पर रोक रहेगी.’
सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट को बताया कि आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज करने का आदेश 29 नवंबर, 2021 को पारित किया गया था. दो महीने से शेख सुफियान गिरफ्तारी से बचते रहे हैं. तुषार मेहता ने कहा कि यह एक बहुत ही गंभीर अपराध है और वह व्यक्ति काफी प्रभावशाली है.
नंदीग्राम के भाजपा कार्यकर्ता देवव्रत की हत्या का है मामला
वहीं, वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने दलील दी कि पूरक आरोपपत्र दाखिल किया गया है, जिसमें फिर से याचिकाकर्ता का नाम नहीं लिया गया है. हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई भाजपा कार्यकर्ता देवव्रत माईती की मौत के मामले की जांच कर रही है. कथित तौर पर देवव्रत माईती पर नंदीग्राम में हमला किया गया था. हाईकोर्ट ने सीबीआई को राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के मामलों की भी जांच करने का निर्देश दिया था.
Posted By: Mithilesh Jha