नयी दिल्ली: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी और कांग्रेस की लड़ाई में अब चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर खुलकर मैदान में आ गये हैं. प्रशांत किशोर ने ट्वीट करके कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर सीधा हमला बोला है. कहा कि कांग्रेस का दैवीय अधिकार नहीं है कि वह विपक्ष का नेतृत्व करे. पिछले 10 साल में जितने चुनाव हुए हैं, उनमें से 90 फीसदी में कांग्रेस पार्टी को हार मिली है.
तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके ने कहा है कि कांग्रेस जिस आईडिया और स्पेस का प्रतिनिधित्व करती है, वह बेहद महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों को लोकतांत्रिक तरीके से एक सर्वमान्य नेता का चुनाव करने देना चाहिए. इस पर बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी पर हमला बोल दिया है.
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ममता बनर्जी राष्ट्रगान का सम्मान करना नहीं जानतीं. देश के लिए कुछ करने की बजाय, अपने भतीजे की प्रशंसा में जुटी हुईं हैं. अधीर रंजन ने कहा कि कांग्रेस एक राष्ट्रीय पार्टी है और इसलिए वह अलग-अलग राज्यों के मुद्दों पर अलग-अलग स्टैंड लेती है.
Mamata Vs Congress
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ममता बनर्जी के लिए बैटिंग करने उतरे प्रशांत किशोर
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अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी व ममता पर किया पलटवार
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पीके बोले- 10 साल में कांग्रेस 90 फीसदी चुनाव हारी
अधीर रंजन ने टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस के पास 20 फीसदी वोट हैं, जबकि तृणमूल कांग्रेस को मात्र 4 फीसदी लोगों के मत मिले हैं. अधीर रंजन ने पूछा कि क्या इस महत्वपूर्ण 20 फीसदी वोट के बगैर आप मोदी से लड़ पायेंगे? अधीर रंजन ने बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को मोदी का इन्फॉर्मर तक कह डाला.
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उल्लेखनीय है कि ममता बनर्जी ने एक दिन पहले ही महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता शरद पवार और शिव सेना के नेता संजय राउत एवं आदित्य ठाकरे से मुलाकात की थी. शरद पवार की मौजूदगी में ममता बनर्जी ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) जैसा अब कुछ बचा नहीं है. कांग्रेस के नेताओं को जमीन पर आकर काम करना होगा.
The IDEA and SPACE that #Congress represents is vital for a strong opposition. But Congress’ leadership is not the DIVINE RIGHT of an individual especially, when the party has lost more than 90% elections in last 10 years.
Let opposition leadership be decided Democratically.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) December 2, 2021
Posted By: Mithilesh Jha