सीएम ममता बनर्जी से आज मिलेंगे राकेश टिकैत, कई मुद्दों पर होगी चर्चा, जानिए क्या हैं इस मुलाकात के सियासी मायने…
Kisan Andolan, Rakesh Tikait, Mamta banerjee: तीन कृषि कानून के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan 2021) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. किसान आंदोलन के अगुवा और किसान नेता राकेश टिकैत आज आंदोंलन समेत कई मुद्दों को लेकर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात कर रहे हैं.
Kisan Andolan, Rakesh Tikait, Mamta banerjee: तीन कृषि कानून के खिलाफ चल रहा किसानों का आंदोलन (Kisan Andolan 2021) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है. किसान आंदोलन के अगुवा और किसान नेता राकेश टिकैत आज आंदोंलन समेत कई मुद्दों को लेकर बंगाल की सीएम ममता बनर्जी से मुलाकात कर रहे हैं. यह मुलाकात दोनों के लिए खास है. क्योंकि एक तरफ राकेश टिकैट अब आंदोलन को एक निर्णायक मोड़ पर ले जाने के मूड में है, वहीं ममता भी बंगाल जीत के बाद अपना राजनीतिक कद और बढ़ाने के मूड में हैं.
I will meet her around 3 pm today. We will talk about agriculture, health, education and the local farmers: Rakesh Tikait, Bharatiya Kisan Union (BKU) ahead of his meeting with West Bengal CM Mamata Banerjee today in Kolkata pic.twitter.com/hFSZQjsyen
— ANI (@ANI) June 9, 2021
किसान आंदोलनकारियों की कम हो रही संख्याः एक तरफ भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैट आंदोलन को नई गति देने में जुटे हैं, तो दूसरी ओर दिल्ली के विभिन्न बार्डर पर डटे किसानों की संख्या कम होती जा रही है. और यह सिलसिला बदस्तूर जारी है. 26 जनवरी को किसानों के ट्रैक्टर परेड के बाद से ही किसानों का धरनास्थल से पलायन हो रहा है. ताजा हालात यह है कि मुट्ठी भर किसान ही आंदोलन की कमान संभाले मैदान में डटे हैं. अधिकांश अपने गांव लौट गए हैं.
ममता से साठगांठ बढ़ाने की कोशिशः केन्द्र सरकार से खफा किसान और किसान नेता अब उन लोगों से ज्यादा ताल्लोकात बढ़ा रहे हैं जो खुद केन्द्र सरकार के विरोध में खड़े हैं. इसी कड़ी में राकेश टिकैत और ममता बनर्जी की मुलाकात को देखा रहा है. हालांकि, सीएम ममता बनर्जी हमेशा किसान आंदोलन के पक्ष में रही है. और उनका समर्थन भी हमेशा किसानों को मिलता रहा है. ममता से आज हो रही मुलाकात को लेकर राकेश टिकैत का कहना है कि वो तीन कानूनों पर केंद्र सरकार को चिट्ठी लिखने के लिए ममता बनर्जी को कहेंगे.
टिकैत ने पीएम को लिखा था खतः इससे पहले राकेश टिकैत ने मई महीने में पीएम मोदी को खत लिखकर किसानों से बात करने का निवेदन किया था. साथ ही कहा था कि दुनिया के सबसे बड़ा लोकतंत्र में किसानों की बात अनसुनी नहीं की जा सकती. बता दें, तीन कृषि कानूनों को खिलाफ किसान 2020 के नवंबर से ही दिल्ली बार्डर पर आंदोलन कर रहे हैं.
22 जनवरी को हुई थी आखिरी दौर की बातचीतः गौरतलब है कि बीते कई महीनों से किसानों का आंदोलन जारी है. कड़ाके की सर्दी, भीषण गर्मी, कोरोना महामारी को झेलते हुए दिल्ली बार्डर पर किसान डटे हुए हैं. बता दें, किसान और सरकार के बीच अबतक 11 दौर की बातचीत हुई है. लेकिन किसी भी बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला है.
Posted by: Pritish Sahay