Mangaluru Blast : बिटक्वाइन के सहारे फलफूल रहा है आतंकवाद? मोहम्मद शारिक करता था फेक आईडी यूज
Mangaluru Blast : मंगलुरु से जो आईडी मोहम्मद शारिक की बरामद की गयी है वो फेक है. आतंकवादी गतिविधि की प्रशंसा करने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था. जानें पुलिस ने क्या दी जानकारी
Mangaluru Blast : कर्नाटक पुलिस को मंगलुरु विस्फोट के दो दिन के बाद मोहम्मद शारिक के बारे में जानकारी हुई जो 24 साल का है. ऑटो रिक्शा धमाके में वो सस्पेक्ट है. आरोपी के बारे में जांच जारी है और कई बातें सामने आ रही है. जांच में आरोपी को लेकर जो फाइल तैयार की जा रही है उसमें बिटक्वाइन की भी चर्चा है. बताया जा रहा है कि मोहम्मद शारिक बिटक्वाइन के धंधे से भी जुड़ा हुआ है. मोहम्मद शारिक शिवमोग्गा के तीर्थहल्ली शहर में सोप्पुगुड्डे इलाके का है जो मैसूर में किराये के मकान में रहता था. किराये का मकान उसने फेक आईडी के सहारे लिया था. बताया जा रहा है कि पिछले साल एक मामले में जमानत मिलने के बाद से वह फरार चल रहा था. आतंकवादी गतिविधि की प्रशंसा करने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया गया था.
शिवमोगा हिंसा में भी मोहम्मद शारिक का हाथ
15 अगस्त को पुलिस ने उसका नाम एक बार फिर लिया था जब शिवमोगा में दो संप्रादायों के बीच हिंसा हुई थी. इसके बाद मोहम्मद शारिक शिवमोगा से फरार हो गया था और कोयंबटूर पहुंचा था. यहां वह तीन दिनों तक रहा. यहां से वह केरला गया फिर तमिलनाडु में शरण ली. कुछ दिन वहां बिताने के बाद वह कर्नाटक आ गया. बताया जा रहा है कि 10 नवंबर को उसने मेंगलुरु में रेकी की थी. एक तस्वीर सामने आयी है जिसमें वो हाथ में प्रेशर कुकर पकड़े नजर आ रहा है. ऐसी आशंका व्यक्त की जा रही है कि शायद इसी का इस्तेमाल करके धमाका किया गया होगा. हालांकि तस्वीर की बात अभी साफ नहीं हुई है.
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अंतरराष्ट्रीय (आतंकवादी) संगठनों से ‘‘प्रभावित” था मोहम्मद शारिक
पुलिस ने मामले को लेकर कहा है कि मंगलुरु से जो आईडी मोहम्मद शारिक की बरामद की गयी है वो फेक है. आरोपी अंतरराष्ट्रीय (आतंकवादी) संगठनों से ‘‘प्रभावित” था. घटनास्थल से जो आधार कार्ड मिला है वो किसी रेलवे कर्मचारी का है. पुलिस की मानें तो वो बिटक्वाइन के सहारे वो आतंकी घटना को अंजाम देने का काम करता था.