Tripura New CM: माणिक साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली, पीएम मोदी और अमित शाह भी पहुंचे
Tripura New CM माणिक साहा: बीते तीन दशकों में यह पहली बार है कि त्रिपुरा में किसी गैर वाम सरकार ने सत्ता में वापसी की है. हमें उम्मीद है कि दूसरी बार सत्ता में आयी भाजपा सरकार जनता की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. जानें भाजपा की ओर से क्या कहा गया
Tripura New CM: माणिक साहा ने अगरतला स्वामी विवेकानंद मैदान में लगातार दूसरी बार त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और BJP अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल रहे. साहा के साथ रतन लाल नाथ, प्रणजीत सिंघा रॉय और सांतना चकमा ने त्रिपुरा में कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली.
BJP's Prof.(Dr.) Manik Saha takes oath as the Chief Minister of Tripura, in Agartala
(Pic: DD) pic.twitter.com/g4zwBfbkWj
— ANI (@ANI) March 8, 2023
भाजपा ने 32 सीट पर जीत दर्ज की
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी माणिक साहा के नेतृत्व वाले मंत्रिपरिषद के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए बुधवार को त्रिपुरा पहुंचे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अध्यक्ष जे. पी. नड्डा कार्यक्रम में शामिल होने के लिए पहले ही त्रिपुरा आ चुके थे. साहा ने त्रिपुरा के मुख्यमंत्री पद के लिए दूसरी बार शपथ ली. आपको बता दें कि साठ सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में भाजपा ने 32 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि इसकी सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट मिली है.
सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी
भाजपा के एक नेता ने कहा कि यह पहली बार है कि किसी भी वामपंथी विरोधी सरकार ने पिछले तीन दशकों में त्रिपुरा में अपनी सत्ता बरकरार रखी है. हमें उम्मीद है कि त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करेगी. इस बीच वाममोर्चा के एक वरिष्ठ नेता रखाल मजुमदार ने बताया कि विपक्षी दलों मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस ने राज्य में चुनाव के बाद हुई हिंसा के विरोध में भाजपा-आईपीएफटी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया.
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गठबंधन वर्ष 1993 में वाम दल से हार गया
आपको बता दें कि वर्ष 1988 में कांग्रेस-टीयूजेएस ने वाम दल को परास्त करके त्रिपुरा में सरकार बनायी थी, लेकिन यह गठबंधन वर्ष 1993 में वाम दल से हार गया. साठ सदस्यीय त्रिपुरा विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 32 सीट पर जीत दर्ज की है, जबकि इसकी सहयोगी इंडिजेनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) को एक सीट मिली है.