Manipur Violence: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 24 जून को दिल्ली में बुलाई सर्वदलीय बैठक, अब तक 120 मौतें
Manipur Violence: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को अपराह्न तीन बजे नयी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है.
Manipur Violence: मणिपुर में करीब डेढ़ महीने से हिंसा की घटनाएं थम नहीं रही हैं. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून को अपराह्न तीन बजे नयी दिल्ली में सर्वदलीय बैठक बुलाई है. बैठक के बारे में गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने बुधवार को आधिकारिक हैंडल से ट्वीट कर जानकारी दी है.
अमित शाह ने पिछले महीने किया था मणिपुर का दौरा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा शर्मा के बुधवार शाम यहां केंद्रीय गृह मंत्री से मुलाकात के बाद यह घोषणा की गई. हिमंत बिस्वा शर्मा पूर्वोत्तर जनतांत्रिक गठबंधन (NEDA) के संयोजक भी हैं. उन्होंने कुछ दिन पहले इंफाल का दौरा किया था और मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह और कई अन्य नेताओं से मुलाकात की थी. अमित शाह ने भी पिछले महीने चार दिनों के लिए मणिपुर का दौरा किया था और राज्य में शांति कायम करने के अपने प्रयासों के तहत विभिन्न वर्ग के लोगों से मुलाकात की थी.
विपक्षी दल कर रहे थे सर्वदलीय बैठक की मांग
मणिपुर के हालात पर चर्चा करने के लिए विपक्षी दल लगातार केंद्र सरकार से एक सर्वदलीय बैठक की मांग कर रहे थे. 16 जून को कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने ट्वीट कर केंद्र पर निशाना साधते हुए कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तुरंत सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए, क्योंकि देश जवाब मांग रहा है. इससे पहले, 15 जून को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी मणिपुर के हालात पर ट्वीट कर पीएम मोदी निशाना साधा था. उन्होंने पीएम मोदी पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया था. साथ ही कहा था कि मणिपुर में शांति बहाल करने के लिए एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजा जाना चाहिए.
सोनिया गांधी और शरद पवार ने भी दिया रिएक्शन
वहीं, बुधवार को कांग्रेस की संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी मणिपुर के हालात पर प्रतिक्रिया देते चैन और अमन की कामना की. उन्होंने कहा कि लोगों के जीवन का तबाह करने वाली अभूतपूर्व हिंसा ने देश की अंतरात्मा पर गहरा घाव छोड़ा है. उन्होंने विश्वास जताया कि साथ मिलकर इस कठिन घड़ी को पार कर लेंगे. इधर, एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने भी बुधवार को मणिपुर हिंसा मामले पर केंद्र को घेरा. उन्होंने हिंसा रोकने के लिए सत्ता के संसाधनों का इस्तेमाल नहीं किए जाने और मौजूदा स्थिति पर विचार करने के लिए समय नहीं निकालने का आरोप लगाया. पवार ने यहां तक कहा कि प्रधानमंत्री जहां चाहें जा सकते हैं लेकिन पहले आंतरिक स्थिति से निपटना चाहिए.
हिंसा में अब तक 120 लोगों की मौत
मेइती समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति (SC) का दर्जा दिये जाने की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च आयोजित किए जाने के बाद मणिपुर में हिंसक झड़पें हुईं हैं. हिंसा में अब तक करीब 120 लोगों की जान गई है, जबकि तीन हजार से अधिक घायल हुए हैं.