Manipur Violence: हिंसा की आग में लगातार जल रहे मणिपुर में आज पहली बार राज्य विधानसभा का सत्र बुलाया गया है. एक दिवसीय सत्र के दौरान सदन में हंगामे के पूरे आसार है. वहीं, सत्र का कुकी समुदाय के दो मंत्रियों सहित 10 विधायकों ने बहिष्कार का ऐलान किया है. उन्होंने सुरक्षा का हवाला देते हुए कहा है कि वो सत्र में शामिल नहीं होंगे. जिन मंत्रियों और विधायकों ने सत्र का बहिष्कार किया है उनमें एलएम खौटे, नगुर्सांगलुर सनाटे, लेटपाओ हाओकिप, लेटजमंग हाओकिप, पाओलीनलाल हाओकिप, वुंगजागिन वाल्टे, हाओखोलेट किपगेन (निर्दलीय), किम्नेओ हाओकिप हैंगशिंग, चिनलुंगथांग के विधायक हैं. इस सीएम प्रदेश के सीएम एन बीरेन सिंह ने उन्हें पूरी सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन दिया है.
सीएम बीरेन ने की थी सत्र की सिफारिश
गौरतलब है कि मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने 21 अगस्त को राज्यपाल अनुसुइया उइके को सत्र शुरू करने की सिफारिश की थी. 22 अगस्त को राजभवन ने अधिसूचना जारी कर दी. बता दें, मणिपुर विधानसभा का पिछला सत्र मार्च महीने में हुआ था. उसके बाद कोई सत्र का आयोजन नहीं किया गया था, जबकि संविधान के अनुच्छेद 174 (1) के मुताबिक किसी भी सदन में दो सत्रों में छह महीने से ज्यादा का गैप नहीं होना चाहिए. ऐसे में सितंबर महीने में सत्र का करना जरूरी है.
मणिपुर में हिंसा का दौर जारी
गौरतलब है कि मणिपुर में बीते 3 मई से हिंसा का जो दौर शुरू हुआ था वो बदस्तूर जारी है. कुकी और मैतेई समुदाय के बीच हिंसक झड़प में कई लोगों की जान जा चुकी है, सैकड़ों घरों को आग के हवाले कर दिया गया है. दरअसल, मणिपुर में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर हिंसा हो रही है. 120 दिनों से हो रही हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है. कई अमानवीय कृत्य भी हिंसा के दौर में देखने को मिले. संसद के मानसून सत्र में भी मणिपुर हिंसा हावी रहा.
तीन मकानों में लगा दी आग
मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है. बीते दिनों रविवार को भी हिंसा देखने को मिली. दरअसल मणिपुर की राजधानी इंफाल के न्यू लाम्बुलाने इलाके में कुछ अज्ञात लोगों ने खाली पड़े तीन मकानों में आग लगा दी. हालांकि, सूचना मिलने के बाद दमकलकर्मी मौके पर पहुंचे और आग पर काबू पा लिया. घटना के तुरंत बाद लोग मौके पर एकत्र हो गये. इलाके में तैनात राज्य व केंद्रीय सुरक्षा बलों से उन्हें क्षेत्र में प्रवेश करने की अनुमति देने की मांग की. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए सुरक्षा बलों ने आंसू गैस के गोले दागे. एक अन्य घटनाक्रम में अज्ञात लोगों ने शनिवार की देर रात करीब दो बजे पूर्व स्वास्थ्य व परिवार कल्याण निदेशक के राजो के आवास की सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों से तीन हथियार छीन लिये. यह घटना इंफाल पश्चिम जिले में इंफाल थाना क्षेत्र के सगोलबंद बिजॉय गोविंदा इलाके में हुई. पुलिस ने हथियार बरामद करने और इसमें शामिल लोगों को पकड़ने के लिए कई अभियान शुरू किये हैं.
राहत शिविरों से लोग अपने घर लौटने की कर रहे हैं जिद
वहीं, मणिपुर में हिंसा के कारण अस्थायी राहत शिविरों में रहने वाले लोगों ने सरकार से इस अशांति का समाधान निकालने की मांग की है. उनका कहना है कि वे अपने घर वापस लौटना चाहते हैं. उनमें से कुछ लोग अस्थायी आवासों में भी नहीं जाना चाहते हैं. उनका कहना है कि यदि वे इनमें चले जायेंगे तो कभी अपने घर में नहीं लौट पाएंगे. मोरेह शहर के रहने वाले सांताम्बी का कहना है कि शिविरों में रहते हुए तीन महीने से अधिक समय बीत चुका है. हम यहां कब तक रहेंगे. हमारे लोगों की हत्या कर दी गयी. हमें इंसाफ की जरूरत है.