इंफाल: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक दल के नेता एन बीरेन सिंह ने सोमवार को यहां राजभवन में दूसरे कार्यकाल के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली. राज्यपाल एल गणेशन ने एन बीरेन सिंह को 5 कैबिनेट मंत्रियों के साथ शपथ दिलायी.
केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और किरेन रिजिजू ने रविवार को राज्यपाल को एक पत्र सौंपा था, जिसमें कहा गया था कि एन बीरेन सिंह को सर्वसम्मति से 32 विधायकों वाले भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया है. इसके बाद राज्यपाल ने एन बीरेन सिंह को मणिपुर में अगली सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया था.
एन बीरेन सिंह के साथ जिन 5 कैबिनेट मंत्रियों ने शपथ ली, उनमें भाजपा से थोंगम बिश्वजीत सिंह, युमनाम खेमचंद सिंह, गोविंददास कोंथोजम, नेमचा किपगेन और नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) के आंगबो न्यूमाई शामिल हैं. राजभवन से रविवार को जारी बयान में कहा गया था कि जनता दल (यूनाइटेड) के छह सदस्यों, कुकी पीपुल्स एलायंस के दो सदस्यों तथा एक निर्दलीय ने ‘भाजपा को बिना शर्त अपना समर्थन दिया है.’
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इससे, 60 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार का समर्थन करने वाले विधायकों की संख्या 41 हो गयी है और उसे दो तिहाई बहुमत मिल गया है. इंफाल में रविवार को विधायक दल की बैठक के बाद भाजपा द्वारा केंद्रीय पर्यवेक्षक के रूप में मणिपुर भेजी गयीं निर्मला सीतारमण ने कहा था कि एन बीरेन सिंह को सर्वसम्मति से पार्टी के राज्य विधायक दल ने अपना नेता चुना.
पिछले 10 दिनों से जारी अनिश्चितता के बाद विधायक दल की बैठक और यह घोषणा हुई थी, क्योंकि प्रतिद्वंद्वी नेता एन बीरेन सिंह और भाजपा के वरिष्ठ विधायक टी बिश्वजीत सिंह केंद्रीय नेताओं से मिलने के लिए दो बार दिल्ली पहुंचे, जिसे प्रतिद्वंद्वी खेमों द्वारा लामबंदी की कवायद के तौर देखा गया था. हालांकि, पार्टी के भीतर मतभेद का खंडन किया गया था.
मणिपुर में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 60 सदस्यीय सदन में 32 सीट जीतकर सत्ता में वापसी की है. भाजपा ने वर्ष 2017 के चुनाव में केवल 21 सीट हासिल की थी, लेकिन वह कांग्रेस के विधायकों को अपने पाले में करने में सफल रही, जिससे पार्टी के सदस्यों की संख्या 28 हो गयी और एन बीरेन सिंह ने मणिपुर में पहली बार भाजपा के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.
Posted By: Mithilesh Jha