इंफाल : हिंसाग्रस्त मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने शनिवार को अपने पद से इस्तीफा देने और फिर उसे वापस लेने की असली वजह बताई है. बीरेन सिंह ने अपने खुलासे में बताया कि पिछले दो महीने से मणिपुर में जारी हिंसा के बीच आखिर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा क्यों दिया और फिर किसके कहने पर अपना फैसला बदल दिया? शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने अपने पद से इस्तीफा देने की घोषणा की, तो उनके आवास के बाहर हाईवोल्टेज ड्रामा शुरू हो गया. बीरेन सिंह के समर्थकों ने उन्हें इस्तीफा देने के लिए राजभवन जाने से रोक दिया और इसके बाद आखिर ऐसा क्या हुआ कि उनका मन बदल गया?
क्यों दिया पद से इस्तीफा
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से इस्तीफा देने और फिर फैसला बदलने की वजहों के बारे में सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि मैंने राज्य के कुछ स्थानों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के पुतले जलाते और भाजपा कार्यालय पर हमला होते हुए देखा. इसके बाद मेरे मन में संदेह पैदा हो गया कि कि पिछले पांच-छह साल में केंद्र सरकार और हमने मणिपुर के लिए क्या किया? मुझे लगा कि क्या हमने लोगों का विश्वास खो दिया है. यह सोचकर मुझे आत्मग्लानि होने लगी. उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले मेरे खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल किया गया था. यह सुनकर मुझे अच्छा नहीं लगा. इसके बाद मैंने अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला किया.
क्यों बदला फैसला
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से जब यह सवाल किया गया कि जब आपने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, तो फिर आपका फैसला कैसे बदल गया? इस सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि जब मैंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, तो यह बात जानकर मेरे समर्थकों ने न केवल उनको राजभवन जाने से रोकते हुए इस्तीफा नहीं देने का आग्रह किया, बल्कि उनका इस्तीफा फाड़कर भी फेंक दिया. इसके कुछ देर बाद उन्होंने ट्विटर पर ऐलान कर दिया कि वे अपने पद से इस्तीफा देने का फैसला बदल दिया है.
मैं सीएम हाउस से निकला तो रोने लगे समर्थक
उन्होंने कहा कि जनता के विश्वास के बिना कोई भी आदमी नेता बना नहीं रह सकता. मुझे अच्छा लग रहा है कि जब मैं सीएम हाउस से बाहर निकला, तो सड़कों पर भारी भीड़ जुटी थी. मेरे समर्थक रोने लगे और मुझ पर अपना भरोसा जताया. इससे मेरा संदेह गलत साबित हुए, क्योंकि उस समय भी लोग मेरे समर्थन में खड़े थे. उन्होंने मुझसे कहा कि मैं इस्तीफा न दूं. यदि वे मुझसे इस्तीफा देने के लिए कहेंगे, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और अगर वे मुझसे ऐसा न करने के लिए कहेंगे, तो मैं ऐसा नहीं करूंगा.
खुरई में बड़ी संख्या में महिलाओं ने सीएम को दिया समर्थन
उधर, खबर यह भी है कि इंफाल पूर्वी जिले के खुरई में महिलाओं ने बड़ी संख्या में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के किसी भी प्रयास के विरोध में धरना दिया और मुख्यमंत्री बीरेन एन सिंह को अपना समर्थन दिया. इसके अलावा, असम के कछार जिले की सीमा से सटे जिरीबाम जिले में महिलाओं ने एक रैली निकाली और मुख्यमंत्री-विधायकों से इस्तीफा न देने का आग्रह करते हुए कहा कि यह उग्रवादियों के सामने आत्मसमर्पण करने के समान होगा. ये प्रदर्शन एन बीरेन सिंह द्वारा यह स्पष्ट किए जाने के एक दिन बाद हुए कि वह पद से इस्तीफा नहीं देंगे.