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मणिपुर की आग मिजोरम तक फैली, मैतेई समुदाय को मिल रही धमकी, घर छोड़ने को मजबूर

मिजोरम सरकार ने राज्य में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा. राज्य सरकार द्वारा यह आश्वासन मिजोरम के एक पूर्व-उग्रवादी संगठन की 'सलाह' के बाद आया, जिसमें उन्होंने मैतेई समुदाय के लोगों को मिजोरम छोड़ने के लिए कहा था.

मणिपुर में दो महिलाओं को निवस्त्र की घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद एक ओर पूरे देश में गुस्सा दिख रहा है, तो दूसरी ओर मणिपुर में भड़की आग की लहर मिजोरम तक पहुंच गयी है. मैतेई समुदाय को लगातार धमकी मिल रही है. जिससे इस समुदाय के लोग अपने घर छोड़कर पलायन करने के लिए मजबूर हो रहे हैं.

मिजोरम में मैतेई समुदाय को कौन और क्यों दे रहा धमकी

मिजोरम में मैतेई समुदाय को पूर्व उग्रवादी संगठन पीस एकॉर्ड एमएनएफ रिटर्न्स एसोसिएशन (पीएएमआरए) की ओर से धमकी दी गयी है. संगठन की ओर से इस समुदाय के लोगों को राज्य से अपने गृह राज्य वापस लौट जाने की चेतावनी दी है. संगठन की ओर से धमकी दी गयी है कि अगर मैतेई समुदाय के लोग इस चेतावनी को नजरअंदाज करते हैं, तो उनके साथ जो कुछ भी होगा इसकी जिम्मेदार उनकी होगी. धमकी देने के पीछे तर्क दिया गया है कि मणिपुर में महिलाओं के साथ जो कुछ हुआ, उससे गुस्से में हैं.

मिजोरम सरकार ने मैतेई समुदाय को सुरक्षा का दिया आश्वासन

मिजोरम सरकार ने राज्य में रहने वाले मैतेई समुदाय के लोगों को सुरक्षा का आश्वासन दिया और उनसे अफवाहों पर ध्यान न देने को कहा. राज्य सरकार द्वारा यह आश्वासन मिजोरम के एक पूर्व-उग्रवादी संगठन की ‘सलाह’ के बाद आया, जिसमें उन्होंने मैतेई समुदाय के लोगों को मिजोरम छोड़ने के लिए कहा था. एक आधिकारिक बयान मुताबिक, राज्य के गृह आयुक्त एवं सचिव एच लालेंगमाविया ने मैतेई समुदाय के नेताओं के साथ बैठक की और उन्हें उनकी सुरक्षा का आश्वासन दिया.

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मणिपुर में अप्रिय घटना को रोकने के लिए सुरक्षा कड़ी की गई

मणिपुर पुलिस और केंद्रीय बलों ने वीडियो सामने आने के बाद खराब होती स्थिति के मद्देनजर किसी भी प्रकार की अप्रिय घटना को रोकने के लिए राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है. पुलिस ने बताया कि सुरक्षाकर्मी कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी कर इस घटना के बाकी बचे आरोपियों को गिरफ्तार करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. सुरक्षा बलों ने घाटी व पहाड़ी दोनों जिलों के संवेदनशील और सीमांत क्षेत्रों में छापेमारी की. इस अभियान के हिस्से के रूप में कांगपोकपी जिले के फैलेंग पहाड़ी चोटी पर नौ बंकरों और शिविरों को नष्ट किया गया.

मणिपुर में विभिन्न जगहों पर बनाये गये 126 नाके

मणिपुर पुलिस ने ट्वीट में कहा, पहाड़ी और घाटी दोनों जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में कुल 126 नाके और जांच चौकियां बनाई गई है और हिंसा के संबंध में पुलिस ने 413 लोगों को हिरासत में लिया है. पुलिस ने बताया कि राष्ट्रीय राजमार्ग पर जरूरी सामान की आवाजाही भी सुनिश्चित की गई है. पुलिस के मुताबिक, एनएच-37 पर आवश्यक वस्तुओं के साथ 749 वाहनों की और एनएच-2 पर 174 वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई. पुलिस ने बताया कि सभी संवेदनशील जगहों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं और संवेदनशील मार्गों पर वाहनों की मुक्त व सुरक्षित आवाजाही को सुनिश्चित करने के लिए सुरक्षा दस्ते तैनात किए गए हैं.

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मणिपुर वीडियो मामले में अबतक कुल 6 लोगों की गिरफ्तारी

मणिपुर पुलिस ने चार मई को राज्य के कांगपोकपी जिले में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में शनिवार को एक किशोर समेत दो लोगों को पकड़ा है. इस मामले में अब तक छह लोगों को पकड़ा गया है. इनमें वह व्यक्ति भी शामिल है जिसे सार्वजनिक हुए वीडियो में बी फाइनोम गांव में एक महिला को घसीटते हुए देखा गया था. पुलिस ने कहा कि कई संदिग्ध ठिकानों पर छापेमारी करके बाकी अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए हरसंभव प्रयास किये जा रहे हैं. बुधवार को इस घटना का 26 सेकेंड का वीडियो सामने आया था, जिसके एक दिन बाद गुरुवार को चार लोगों को गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि भीड़ ने महिलाओं का यौन उत्पीड़न किया. इससे पहले गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों को शुक्रवार को 11 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था.

विपक्ष ने केंद्र और मणिपुर सरकार को घेरा

मणिपुर वीडियो मामले को लेकर विपक्षी पार्टियां लगातार केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और राज्य की एन बिरेन सिंह सरकार पर हमला बोल रही हैं. कांग्रेस सहित कई पार्टियों ने मणिपुर सरकार को तुरंत बर्खास्त करने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की हैं. कांग्रेस ने इस मुद्दे को लेकर भाजपा पर संसद में चर्चा से भागने का आरोप लगाया. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट कर कहा, प्रधानमंत्री और उनका गुणगान करने वाले लोग राजस्थान से संबंधित मुद्दे के साथ झूठी समानता दर्शा कर पिछले 80 दिनों के दौरान पूरे मणिपुर में हुई भयानक त्रासदी से ध्यान भटका रहे हैं. कांग्रेस ने अपने ट्विटर अकाउंट पर फेल रिपोर्ट कार्ड के साथ महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी की तस्वीर भी साझा की.

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बीजेपी ने विपक्षी पार्टियों पर किया पलटवार

मणिपुर मामले में विपक्षी हमले का बीजेपी ने कड़ा पलटवार किया है. भाजपा ने आरोप लगाया कि राजस्थान, पश्चिम बंगाल और बिहार जैसे विपक्ष शासित राज्यों में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराधों की सूची लंबी है, लेकिन विपक्षी पार्टियां मणिपुर की घटना पर राजनीति कर रही हैं. सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, राजस्थान, बिहार व पश्चिम बंगाल में महिलाओं के खिलाफ दर्ज कुछ आपराधिक मामलों का संदर्भ दिया और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी एवं अन्य विपक्षी दलों के नेताओं पर गैर-भाजपा शासित राज्यों में महिलाओं के साथ अपराधों पर चुप्पी साधने का आरोप लगाया.

क्या है मामला

हिंसाग्रस्त राज्य मणिपुर में एक समुदाय की दो महिलाओं को विरोधी समुदाय के लोगों के एक समूह द्वारा निर्वस्त्र कर घुमाने का एक वीडियो वायरल हुआ है जिसके बाद देश में गुस्से का माहौल है. यह घटना चार मई की है जिसका वीडियो 19 जुलाई को वायरल हुआ.

नगा संगठनों ने न्याय की मांग की

मणिपुर के कई नगा संगठनों ने चार मई को भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराए जाने की घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि मामले में तत्काल न्याय किया जाना चाहिए. यूनाइटेड नगा काउंसिल (यूएनसी) ने मणिपुर सरकार से कहा कि तुरंत न्याय के लिए मामले को त्वरित अदालत में ले जाया जाना चाहिए. यूएनसी ने एक बयान में कहा, सरकार को ऐसे अमानवीय अपराध में शामिल सभी लोगों को तत्काल सजा दिलानी चाहिए. वायरल वीडियो को संगठन ने निंदनीय बताया. मणिपुर के नगा आम तौर पर उस हिंसा से दूर रहे हैं जिसने इस पूर्वोत्तर राज्य के हालात बिगाड़ दिए हैं. इस बीच, ऑल नगा स्टूडेंट्स एसोसिएशन मणिपुर (एएनएसएएम) ने घटना को घृणित कृत्य करार देते हुए कहा कि वर्तमान समाज में ऐसी घटनाओं का कोई स्थान नहीं है.

मणिपुर मामले में पहली बार बोले पीएम मोदी, वीडियो को बताया शर्मसार करने वाला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर मामले में पहली बार 20 जुलाई को बयान दिया था. उन्होंने संसद सत्र से पहले मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराए जाने की घटना पर क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा था कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है और इससे पूरे देश की बेइज्जती हुई है. प्रधानमंत्री ने देशवासियों को विश्वास दिलाया कि इस मामले के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा. उन्होंने कहा, मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है. इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है. प्रधानमंत्री ने कहा था, मैं इस लोकतंत्र के मंदिर के पास खड़ा हूं तब मेरा ह्रदय पीड़ा से भरा हुआ है, क्रोध से भरा हुआ है. मणिपुर की जो घटना सामने आई है वह किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है. पाप करने वाले, गुनाह करने वाले कितने हैं, और कौन-कौन हैं, वह अपनी जगह पर है… लेकिन बेइज्जती पूरे देश की हो रही है. 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है.

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पीएम मोदी ने राज्यों को महिला सुरक्षा पर कठोर कदम उठाने का दिया निर्देश

प्रधानमंत्री मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों से अपने-अपने राज्यों में कानून-व्यवस्था को और मजबूत करने और खासकर महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा, घटना चाहे राजस्थान की ही, घटना चाहे छत्तीसगढ़ की हो, चाहे मणिपुर की हो. इस देश में हिंदुस्तान के किसी भी कोने में किसी भी राज्य सरकार को राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून व्यवस्था को महत्व देना चाहिए और नारी के सम्मान की रक्षा करनी चाहिए.

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