Manipur Violence: मणिपुर में अब चुराचांदपुर में भड़की हिंसा, थोरबुंग इलाके में लगातार हो रही फायरिंग
Manipur fresh violence in Churachandpur district भीड़ ने मोरेह में ‘फॉरेस्ट गेस्ट हाउस’ को भी आंशिक रूप से आग लगा दी. अधिकारियों ने बताया कि आगजनी के बाद भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी भी हुई. सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया.
मणिपुर में फिर से हिंसा भड़कने की खबर आ रही है. टीवी रिपोर्ट के अनुसार राज्य के चुराचांदपुर जिले में हिंसा भड़की है. थोरबुंग इलाके में लगातार फायरिंग हो रही है. पिछले 85 दिनों से मणिपुर में हिंसा जारी है. इसको लेकर अब सड़क से संसद तक बवाल जारी है. मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरे देश में आक्रोश देखा जा रहा है. विपक्षी दल मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में बोलने की लगातार मांग कर रहे हैं.
मोरेह में भीड़ ने घरों में आग लगाई, कांगपोकपी में बसों को निशाना बनाया
मणिपुर के मोरेह जिले में बुधवार को भीड़ ने कम से कम 30 मकानों और दुकानों को आग लगा दी और सुरक्षा बलों पर गोलियां चलायीं. खाली पड़े ये मकान म्यांमा की सीमा के करीब मोरेह बाजार क्षेत्र में थे. भीड़ ने मोरेह में ‘फॉरेस्ट गेस्ट हाउस’ को भी आंशिक रूप से आग लगा दी. अधिकारियों ने बताया कि आगजनी के बाद भीड़ और सुरक्षा बलों के बीच गोलीबारी भी हुई. सुरक्षा बलों ने भीड़ को तितर-बितर कर दिया. अधिकारियों ने बताया कि यह आगजनी कांगपोकपी जिले में भीड़ द्वारा सुरक्षा बलों की दो बसों को आग के हवाले करने की घटना के एक दिन बाद हुई. यह घटना सपोरमीना में उस समय हुई, जब बसें मंगलवार शाम दीमापुर से आ रही थीं.
बस को आग लगाने के मामले में पुलिस ने 9 लोगों को किया गिरफ्तार
अधिकारियों ने बताया कि स्थानीय लोगों ने मणिपुर की पंजीकरण संख्या वाली बस को सपोरमीना में रोक लिया और कहा कि वे इस बात की जांच करेंगे कि बस में कहीं दूसरे समुदाय का कोई सदस्य तो नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि उनमें से कुछ लोगों ने बसों में आग लगा दी. पुलिस ने बुधवार रात को बताया कि बसों को आग लगाने की घटना के संबंध में एक नाबालिग समेत नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
लोकसभा में कांग्रेस ने सरकार के खिलाफ लाया अविश्वास प्रस्ताव
कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया जिस पर चर्चा के लिए सदन ने मंजूरी भी दे दी. लेकिन सरकार ने कहा है कि जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर पूरा विश्वास है.
सभी दलों के नताओं से बातचीत के बाद प्रस्ताव पर चर्चा की तय होगी तिथि
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सभी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद इस प्रस्ताव पर चर्चा की तिथि तय करेंगे, हालांकि कांग्रेस का कहना है कि इस पर बृहस्पतिवार से ही चर्चा होनी चाहिए. मुख्य विपक्षी दल ने यह भी कहा कि यह प्रस्ताव विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) की ओर से सामूहिक तौर पर लाया गया है. मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से संसद के भीतर जवाब मांग रहे विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की ओर से कांग्रेस ने इस रणनीति के साथ यह कदम उठाया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सदन में बोलने के लिए बाध्य किया जा सके.
दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने वाला वीडियो वायरल होने के बाद बिगड़े हालात
मणिपुर में स्थिति सामान्य होती दिख रही थी, लेकिन 19 जुलाई को सोशल मीडिया में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर सड़क पर परेड कराने का वीडियो सामने आने के बाद फिर से स्थिति खराब हो गया. मणिपुर ही नहीं, इस वीडियो को देखने के बाद पूरा देश गुस्से से लाल हो गया. सड़क से संसद तक विरोध होने लगा. विपक्ष केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और मणिपुर की एन बीरेन सिंह सरकार को निशाने पर लिया. आनन-फानन में महिलाओं के साथ बर्बरता करने वाले 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया. जबकि इस मामले में शामिल अन्य लोगों की भी खोज की जा रही है. वीडियो भले ही 19 जुलाई को देश के सामने आया, लेकिन यह खिनौना काम 4 मई को हुआ था. जिसमें 1000 लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया था. इस मामले में पुलिस कार्रवाई पर भी सवाल उठाया जा रहा है.
3 मई को शुरू हुई हिंसा में अबतक 160 लोगों की हो चुकी है मौत
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं. राज्य में मैतेई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.