13.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

Manipur Violence: मणिपुर के इन इलाकों में AFSPA की वापसी, जानें क्या है Act

Manipur violence: मणिपुर में हिंसा का दौर जारी है. इस बीच केंद्र सरकार ने कुछ इलाकों में फिर से सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) लगा दिया है.

Manipur violence: केंद्र ने मणिपुर के हिंसा प्रभावित जिरीबाम सहित छह पुलिस थाना क्षेत्रों में सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम (AFSPA) को फिर लागू कर दिया है. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि यह निर्णय वहां जारी जातीय हिंसा के कारण लगातार अस्थिर स्थिति को देखते हुए लिया गया है. यह ताजा आदेश मणिपुर सरकार द्वारा एक अक्टूबर को इन छह पुलिस थानों समेत 19 थाना क्षेत्रों को छोड़कर पूरे राज्य में अफस्पा लागू करने के बाद आया है.

इन थाना क्षेत्रों में लगाया गया AFSPA

जिन पुलिस थाना क्षेत्रों में अफस्पा को फिर से लागू किया गया है, वे हैं इंफाल पश्चिम जिले में सेकमाई और लमसांग, इंफाल पूर्वी जिले में लमलाई, जिरीबाम जिले में जिरीबाम, कांगपोकपी में लीमाखोंग और बिष्णुपुर में मोइरांग.

क्या है AFSPA?

सशस्त्र बलों के संचालन को सुविधाजनक बनाने के लिए AFSPA के तहत किसी क्षेत्र या जिले को अशांत के रूप में अधिसूचित किया जाता है. AFSPA अशांत क्षेत्रों में काम करने वाले सशस्त्र बलों को तलाशी लेने, गिरफ्तार करने और गोलीबारी करने के व्यापक अधिकार देता है, अगर वे इसे सार्वजनिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए आवश्यक समझते हैं.

AFSPA से बाहर हैं ये थाना क्षेत्र

मणिपुर सरकार के एक अक्टूबर के अफस्पा लगाने के आदेश से बाहर रहे पुलिस थानों में इंफाल, लाम्फाल, सिटी, सिंगजामेई, सेकमाई, लैमसांग, पाटसोई, वांगोई, पोरोम्पैट, हेइनगांग, लामलाई, इरिलबंग, लीमाखोंग, थौबल, बिष्णुपुर, नामबोल, मोइरंग, काकचिंग और जिरीबाम शामिल थे.

मणिपुर के जिरीबाम में उग्रवादियों ने मचाया था तांड़व

मणिपुर के जिरीबाम जिले में सोमवार को सैनिकों जैसी वर्दी पहने और अत्याधुनिक हथियारों से लैस उग्रवादियों द्वारा एक पुलिस थाने और निकटवर्ती सीआरपीएफ शिविर पर अंधाधुंध गोलीबारी की गयी. इसके बाद सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ में 11 संदिग्ध उग्रवादी मारे गए. एक दिन बाद, उसी जिले से सशस्त्र आतंकवादियों ने महिलाओं और बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया.

इरोम चानू शर्मिला ने किया था AFSPA का विरोध

मणिपुरी कार्यकर्ता इरोम चानू शर्मिला ने 9 अगस्त 2016 को भूख हड़ताल समाप्त करने से पहले 16 वर्षों तक भूख हड़ताल करके इस कानून के खिलाफ लड़ाई लड़ी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें