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Manipur Violence: अमित शाह ने दंगाइयों से सख्ती से निपटने का दिया आदेश, कहा- शांति सर्वोच्च प्राथमिकता

अमित शाह ने इंफाल में पुलिस, सीएपीएफ, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद यह बात कही. उन्होंने ट्वीट किया, इंफाल में मणिपुर पुलिस, सीएपीएफ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता मणिपुर में शांति और समृद्धि है और उन्होंने सुरक्षा अधिकारियों को शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया है.

अमित शाह ने सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की

अमित शाह ने इंफाल में पुलिस, सीएपीएफ, सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा के बाद यह बात कही. उन्होंने ट्वीट किया, इंफाल में मणिपुर पुलिस, सीएपीएफ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक में मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की. मणिपुर की शांति और समृद्धि हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है, उन्हें शांति भंग करने वाली किसी भी गतिविधि से कड़ाई से निपटने का निर्देश दिया. गृह मंत्री जातीय हिंसा प्रभावित राज्य में शांति बहाल करने के प्रयासों के तहत वर्तमान में मणिपुर का दौरा कर रहे हैं.

गृह मंत्री ने मणिपुर में महिला नेताओं, विशिष्ट जनों, नागरिक संगठनों के सदस्यों से मुलाकात की

हिंसा प्रभावित मणिपुर में शांति बहाल करने के उद्देश्य से राज्य की यात्रा पर आए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कई पक्षकारों के साथ विचार-विमर्श किया, जिसकी शुरुआत उन्होंने महिला नेताओं के एक समूह के साथ नाश्ते पर हुई बैठक के साथ की.

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चार दिवसीय दौरे पर हैं गृह मंत्री अमित शाह

अमित शाह सोमवार से मणिपुर की चार दिन की यात्रा पर हैं और इस दौरान वह हालात का जायजा लेने के लिए कई दौर की सुरक्षा बैठकें करेंगे और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए आगे के कदमों पर विचार करेंगे. सोमवार रात को इंफाल पहुंचने के बाद गृह मंत्री ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह, उनके मंत्रिमंडल सहयोगियों और कुछ नेताओं के साथ बैठक की थी. मणिपुर में तीन मई को जातीय हिंसा भड़कने के बाद से गृह मंत्री की राज्य की यह पहली यात्रा है.

मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा?

मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है. कुछ हफ्तों की खामोशी के बाद रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई. संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है. गौरतलब है कि मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति (एसटी) के दर्जे की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद मणिपुर में जातीय हिंसा शुरू हो गई. आरक्षित वन भूमि से कूकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर तनाव के चलते, पहले भी हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे.

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