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मणिपुर की स्थिति पर अमित शाह ने की समीक्षा बैठक, कुकी समुदाय के लोगों से की चर्चा

अमित शाह ने मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर सर्वदलीय बैठक के अलावा इंफाल में मणिपुर पुलिस, CAPF और भारतीय सेना के सीनियर अधिकारियों के साथ भी बैठक की है, सामने आयी जानकारी के मुताबिक मणिपुर हिंसा में अबतक 80 लोगों की मौत हो चुकी है.

Amit Shah Manipur: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह इस समय तीन दिवसीय मणिपुर दौरे पर हैं. यहां उन्होंने आज मणिपुर के मोरेह में कुकी प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की है. बता दें मणिपुर में लगभग एक महीने से हिंसा जारी है और इसी हिंसा की समीक्षा करने के लिए अमित शाह यहां पहुंचे हैं. अमित शाह ने मणिपुर की मौजूदा स्थिति पर सर्वदलीय बैठक के अलावा इंफाल में मणिपुर पुलिस, CAPF और भारतीय सेना के सीनियर अधिकारियों के साथ भी बैठक की है, सामने आयी जानकारी के मुताबिक मणिपुर हिंसा में अबतक 80 लोगों की मौत हो चुकी है.

कांगपोकपी जिले में कई समूहों से करेंगे बातचीत

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर के तेंगनौपाल जिले में भारत-म्यांमा सीमा के निकट स्थित मोरेह शहर जाएंगे और सुरक्षा उपायों की समीक्षा करने के साथ ही कुकी समुदाय के नागरिक समाज संगठनों से भी मुलाकात करेंगे. सेना से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि शाह कांगपोकपी जिले में जाएंगे और कई समूहों से बातचीत करेंगे. अधिकारियों ने कहा कि इस बीच उग्रवादियों तथा सुरक्षा बलों के मध्य काकचिंग जिले के सुगनू में रातभर गोलीबारी हुई. उन्होंने बताया- इंफाल ईस्ट जिले के सागोलमांग में भी गोलीबारी की घटना हुई और उग्रवादियों के हमले में एक आम नागरिक घायल हो गया.

संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80

मणिपुर में शांति बहाली के अपने प्रयासों के तहत केंद्रीय गृह मंत्री ने विभिन्न मेइती और कुकी समूहों से मुलाकात की, जिन्होंने शांति के लिए अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की और आश्वासन दिया कि वे संकटग्रस्त राज्य में सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए काम करेंगे. शाम को गृह मंत्री ने सर्वदलीय बैठक भी की. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला और खुफिया ब्यूरो के निदेशक तपन कुमार डेका इस यात्रा में शाह के साथ हैं. 3 मई को मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद गृह मंत्री पहली बार पूर्वोत्तर राज्य का दौरा कर रहे हैं. मणिपुर करीब एक महीने से जातीय हिंसा से प्रभावित है और राज्य में इस दौरान झड़पों में इजाफा देखा गया है. कुछ सप्ताह की खामोशी के बाद गत रविवार को सुरक्षा बलों एवं उग्रवादियों के बीच गोलीबारी भी हुई. अधिकारियों ने बताया कि संघर्ष में मरने वालों की संख्या बढ़कर 80 हो गई है.

अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी किया गया तैनात

मणिपुर में जनजातीय एकता मार्च के बाद पहली बार जातीय हिंसा भड़क उठी. अनुसूचित जाति (ST) के दर्जे की मांग को लेकर मेइती समुदाय ने 3 मई को प्रदर्शन किया था जिसके बाद जनजातीय एकता मार्च का आयोजन किया था. आरक्षित वन भूमि से कुकी ग्रामीणों को बेदखल करने को लेकर तनाव के चलते, पहले भी हिंसा हुई थी, जिसके कारण कई छोटे-छोटे आंदोलन हुए थे. मैतेई समुदाय मणिपुर की आबादी का करीब 53 प्रतिशत है और समुदाय के अधिकतर लोग इंफाल घाटी में रहते हैं. नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या कुल आबादी का 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं. भारतीय सेना और असम राइफल्स की लगभग 140 टुकड़ियां पूर्वोत्तर के राज्य में स्थिति सामान्य करने के प्रयास में जुटी हैं. हर टुकड़ी में 10,000 कर्मी होते हैं. इसके अलावा अन्य अर्द्धसैनिक बलों के जवानों को भी तैनात किया गया है. (भाषा इनपुट के साथ)

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