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Manipur Violence: कुकी समुदाय के नेताओं के साथ आज केंद्र सरकार की अहम बैठक

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में पिछले कुछ से जारी हिंसा का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा था कि वहां मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ है. उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ है और शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा.

मणिपुर 3 मई से जातीय हिंसा की आग में जल रहा है. मैतेई और कुकी समुदाय के लोग एक-दुसरे की जान के दुश्मन बने बैठे हैं. एक ही राज्य में दो जिले बफर जोन में बंट चुका है. दोनों और के लोग एक-दुसरे पर बंदुक ताने खड़े हैं. जिन बच्चों के हाथों में कलम होनी चाहिए थी, उसका स्थान बंदूक ने ले लिया है. स्कूल और कॉजेल बंद पड़े हैं. लोग भय के कारण अपने घरों के अंदर कैद हैं. ऐसी स्थिति मणिपुर में बनी हुई है. केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार राज्य में शांति बहाली के लिए लगातार प्रयास कर रही है. इस बीच खबर है कि आज कुकी समुदाय के नेताओं के साथ केंद्र सरकार बात करेगी.

गृह मंत्री अमित शाह कर चुके हैं कुकी समुदाय के लोगों से बात

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले दिनों संसद में बताया था कि उन्होंने मणिपुर में शांति बहाली के लिए कुकी समुदाय के पांच सदस्यीय टीम से मुलाकात कर चुके हैं. इससे पहले अमित शाह हिंसाग्रस्त राज्य का दौरा भी कर चुके हैं.

शांति से ही मणिपुर की समस्या का समाधान निकलेगा : प्रधानमंत्री मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मणिपुर में पिछले कुछ से जारी हिंसा का उल्लेख करते हुए मंगलवार को कहा था कि वहां मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ है. उन्होंने मणिपुर के लोगों से शांति की अपील करते हुए कहा कि पूरा देश मणिपुर के साथ है और शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा. लाल किले की प्राचीर से 77वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा था, पूर्वोत्तर में और हिंदुस्तान के भी कुछ अन्य भागों में… लेकिन विशेषकर मणिपुर में जो हिंसा का दौर चला. कई लोगों को अपना जीवन खोना पड़ा. मां-बेटियों के सम्मान के साथ खिलवाड़ हुआ. मोदी ने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वहां से लगातार शांति की खबरें आ रही हैं.

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पूरा देश मणिपुर के साथ खड़ा : पीएम मोदी

पीएम मोदी ने कहा, पूरा देश मणिपुर के लोगों के साथ है. मणिपुर के लोगों ने पिछले कुछ दिनों से जो शांति बनाए रखी है, उस शांति के पर्व को बनाएं रखें. प्रधानमंत्री ने कहा, शांति से ही समाधान का रास्ता निकलेगा. उन्होंने कहा कि राज्य व केंद्र की सरकारें मिलकर वहां समस्याओं के समाधान के लिए भरपूर प्रयास कर रही हैं और आगे भी करती रहेंगी.

सीबीआई ने हिंसा की जांच के लिए 29 महिलाओं के साथ 53 अधिकारियों को किया तैनात

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर हिंसा मामलों की जांच के लिए बुधवार को विभिन्न रैंक की 29 महिला अधिकारियों सहित 53 अधिकारियों को तैनात किया है. तीन उप महानिरीक्षक रैंक के अधिकारी राज्य में हिंसा के मामलों की जांच के लिए अपनी-अपनी टीम का नेतृत्व करेंगे, जिनमें महिला अधिकारी लवली कटियार और निर्मला देवी शामिल हैं. उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी संयुक्त निदेशक घनश्याम उपाध्याय को रिपोर्ट करेंगे जो विभिन्न मामलों में जांच की निगरानी करेंगे.

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हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल करने के तौर-तरीके ढूंढने को कहा

मणिपुर हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से लोगों को मोबाइल इंटरनेट सेवाएं मुहैया करने के तौर-तरीके ढूंढने को कहा है. अदालत राज्य में मोबाइल इंटरनेट सेवाएं बहाल करने की मांग से जुड़ी याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई कर रही है. राज्य में तीन मई को हिंसा भड़कने के बाद इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.

दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले को लेकर महिलाओं को प्रदर्शन जारी

मणिपुर में पिछले दिनों दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. जिसके बाद देशभर में इसकी निंदा की गयी. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घुटना पर दुख जताया था और निंदा करते हुए कहा था कि ऐसी घटना किसी भी सथ्य समाज में स्वीकार्य नहीं है. उन्होंने आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिये जाने की बात कही थी. इधर उस घटना के बाद से राज्यभर में लगातार महिलाएं प्रदर्शन कर रही हैं और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग कर रही हैं.

3 मई से हिंसा की आग में जल रहा मणिपुर

तीन मई को राज्य में पहली बार जातीय हिंसा भड़कने के बाद से 160 से अधिक लोग मारे गए हैं, और कई सौ लोग घायल हुए हैं. बहुसंख्यक मैतेई समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजित किये जाने के दौरान यह हिंसा भड़की थी. मणिपुर की कुल आबादी में मैतेई समुदाय के लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं, जबकि आदिवासी नगा और कुकी समुदाय के लोगों की संख्या 40 प्रतिशत है और वे ज्यादातर पहाड़ी जिलों में रहते हैं.

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