Loading election data...

Manipur Violence: इंफाल में सुरक्षाबलों और भीड़ के बीच झड़प में दो घायल, बीजेपी नेताओं के घर पर हमला

एक सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल निशिकांत सिंह ने हिंसाग्रस्त राज्य की तुलना युद्ध ग्रस्त लेबनान और सीरिया से कर दी. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, मणिपुर में स्थिति ऐसी है कि जीवन और संपत्ति किसी के द्वारा कभी भी नष्ट की जा सकती है. जैसे लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया और सीरिया में रह रहे हों.

By ArbindKumar Mishra | June 17, 2023 9:51 AM

मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. 3 मई से राज्य के कई हिस्सों में संघर्ष जारी है. जिसमें कई लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि कई लोग घायल भी हुए हैं. इस बीच इंफाल से ताजा हिंसा की खबर सामने आ रही है. जिसमें सुरक्षबलों और भीड़ के बीच झड़क हो गयी, जिसमें दो लोग घायल हो गये. एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बीजेपी नेताओं के घर पर आग लगाने की कोशिश की.

केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के मकान में तोड़फोड़, गोदाम जलाया

इंफाल में शुक्रवार को भी हिंसा की खबर आयी. जिसमें दंगाई भीड़ और त्वरित कार्रवाई बल (आरएएफ) के बीच झड़प हो गयी. हिंसा कर रहे लोगों ने केंद्रीय मंत्री आरके रंजन सिंह के मकान पर हमला कर तोड़फोड़ की और उसे जलाने का प्रयास किया. वहीं एक सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी के गोदाम को जला दिया गया है.

सेवानिवृत जनरल ने मणिपुर की स्थिति की तुलना युद्ध ग्रस्त लेबनान और सीरिया से की

मणिपुर के रहने वाले एक सेवानिवृत लेफ्टिनेंट जनरल निशिकांत सिंह ने हिंसाग्रस्त राज्य की तुलना युद्ध ग्रस्त लेबनान और सीरिया से कर दी. उन्होंने ट्वीट किया और लिखा, मणिपुर में स्थिति ऐसी है कि जीवन और संपत्ति किसी के द्वारा कभी भी नष्ट की जा सकती है. जैसे लीबिया, लेबनान, नाइजीरिया और सीरिया में रह रहे हों.

Also Read: मणिपुर हिंसा पर मल्लिकार्जुन खरगे का सवाल, कहा – सर्वदलीय बैठक क्यों नहीं बुला रहे प्रधानमंत्री

मणिपुर हिंसा के लिए कांग्रेस ने मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार

संकटग्रस्त मणिपुर में हिंसा के लिए कांग्रेस ने बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को जिम्मेवार ठहराया है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री लोगों से बात करने को तैयार नहीं हैं जबकि मुख्यमंत्री हार चुके हैं.

मणिपुर में क्यों भड़की हिंसा? अबतक 100 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत

गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘जनजातीय एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद ये झड़पें शुरू हुई थीं. करीब डेढ़ महीने पहले मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच भड़की जातीय हिंसा के बाद से 100 से अधिक लोगों की जान चली गई है. मणिपुर के 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि अफवाहों को रोकने के लिए इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.

Next Article

Exit mobile version