Manipur Violence: मणिपुर में कुकी संगठनों की ‘ताबूत रैली’, 10 उग्रवादियों की मौत पर प्रदर्शन

Manipur Violence: कुकी संगठनों ने स्कूलों और कॉलेजों से कहा है कि वे कक्षा 10 से ऊपर के विद्यार्थियों को काली शर्ट पहनकर रैली में शामिल होने के लिए भेजें.

By Aman Kumar Pandey | November 19, 2024 9:22 AM
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Manipur Violence: मणिपुर के कुकी संगठनों ने जिरीबाम जिले में CRPF के साथ कथित गोलीबारी में मारे गए ‘10 कुकी-जो युवाओं’ के सम्मान में मंगलवार को चुराचांदपुर में ‘ताबूत रैली’ निकालने की घोषणा की है. स्कूलों और कॉलेजों से कहा गया है कि वे कक्षा 10वीं से ऊपर के विद्यार्थियों को काली शर्ट पहनकर रैली में शामिल होने के लिए भेजें, जैसा कि जोमी छात्र संघ (जेडएसएफ), कुकी छात्र संगठन (केएसओ) और हमार छात्र संघ (एचएसए) द्वारा सोमवार को जारी एक संयुक्त नोटिस में कहा गया है.

आयोजकों में से एक ने कहा कि मृतक युवकों के सम्मान में रैली के दौरान 10 प्रतीकात्मक ताबूत ले जाए जाएंगे, क्योंकि उनके शव स्थानीय अस्पताल के शवगृह में रखे गए हैं. असम के सिलचर के एक अस्पताल में पोस्टमार्टम के बाद, 10 लोगों के शव शनिवार दोपहर कुकी बहुल जिले चुराचांदपुर पहुंचे. मणिपुर में कुकी-जो समुदाय के एक प्रमुख संगठन आईटीएलएफ ने रविवार 17 नवंबर को घोषणा की कि जब तक पोस्टमार्टम रिपोर्ट परिवारों को नहीं दी जाती, तब तक अंतिम संस्कार में देरी की जाएगी.

मणिपुर पुलिस ने कहा कि मृतक संदिग्ध उग्रवादी थे, जो 11 नवंबर को सुरक्षा बलों के साथ भीषण मुठभेड़ के दौरान मारे गए थे. कथित उग्रवादियों ने छद्म वेश धारण किया हुआ था. आधुनिक हथियारों से लैस होकर जिरीबाम जिले के जकुरधोर में बोरोबेकरा पुलिस स्टेशन और पास के सीआरपीएफ कैंप पर हमला किया था. पुलिस ने दावा किया था कि संदिग्ध उग्रवादियों ने उसी जिले से 3 महिलाओं और तीन बच्चों सहित छह नागरिकों का अपहरण कर लिया था.

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पिछले साल मई से इम्फाल घाटी स्थित मैतेई और समीपवर्ती पहाड़ियों पर स्थित कुकी-जो समूहों के बीच जातीय हिंसा में 220 से अधिक लोग मारे गए हैं और हजारों लोग बेघर हो गए हैं. इस बीच, मणिपुर में 5 विधायकों वाली BJP की सहयोगी नगा पीपुल्स फ्रंट (एनपीएफ) ने सोमवार को हिंसा प्रभावित राज्य में स्थिति को संभालने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों पर भरोसा जताते हुए कहा कि इस समय समर्थन वापस लेने का कोई सवाल ही नहीं है.

यह बयान नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) द्वारा एन बीरेन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार से अपना समर्थन वापस लेने के एक दिन बाद आया है, जिसके पास 60 सदस्यीय विधानसभा में 7 सीटें हैं. एनपीपी ने संकट को हल करने और क्षेत्र में सामान्य स्थिति बहाल करने में सरकार की विफलता का हवाला दिया.

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