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Manipur Violence: महिलाओं के साथ दरिंदगी के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, भीड़ ने स्कूल में लगाई आग

पुलिस ने बताया कि बदमाशों की भीड़ के आगे सैकड़ों महिलाएं चल रही थीं और ऐसा बताया जा रहा है कि ये महिलाएं मानव ढाल का काम कर रही थीं. उसने बताया कि भीड़ ने शनिवार शाम को किए हमले के दौरान कई गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके.

मणिपुर में एक बार फिर से हिंसा बढ़ गयी है. चुराचांदपुर के तोरबुंग बाजार इलाके में हथियारबंद बदमाशों ने कम से कम 10 खाली पड़े मकानों और एक स्कूल में आग लगा दी. पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी.

भीड़ में सैकड़ों की संख्या में महिलाएं भी शामिल, कर रहीं ढाल का काम

पुलिस ने बताया कि बदमाशों की भीड़ के आगे सैकड़ों महिलाएं चल रही थीं और ऐसा बताया जा रहा है कि ये महिलाएं मानव ढाल का काम कर रही थीं. उसने बताया कि भीड़ ने शनिवार शाम को किए हमले के दौरान कई गोलियां चलाईं और देसी बम फेंके. तोरबुंग बाजार में स्थित जिस स्कूल में आग लगाई गई, उसका नाम ‘चिल्ड्रन ट्रेजर हाई स्कूल’ है.

प्रत्यक्षदर्शी ने घटना के बारे में दी जानकारी

घटना के बारे में एक स्थानीय ने बताया, सैकड़ों महिलाओं की अगुवाई में भीड़ आगे बढ़ रही है, तो हम गोलीबारी का जबाव देने में हिचकिचाए, लेकिन जब हमने उन्हें बीएसएफ (सीमा सुरक्षा बल) का एक वाहन छीनने की कोशिश करते और हमारे मकान जलाते देखा तो हमें लगा कि हमें भी जवाब देना होगा. बाद में भीड़ ने बीएसएफ का एक वाहन भी ले जाने की कोशिश की, लेकिन बीएसएफ और इलाके में तैनात स्थानीय स्वयंसेवकों की जवाबी कार्रवाई के कारण उनका प्रयास असफल रहा.

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मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र का घुमाने के मामले में अबतक 6 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी

मणिपुर में 4 मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र का घुमाने की घटना हुई थी. जिसका वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने मुख्य आरोपी सहित 6 लोगों को अबतक गिरफ्तार कर चुकी है. जिसमें चार को 11 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. मालूम हो 4 मई को घटी घटना का वीडियो 19 जुलाई को सामने आया, जिसके बाद पूरे देश में आक्रोश बढ़ गयी है. हर कोई इस घटना की निंदा कर रहा है.

पुलिस ने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की

मणिपुर पुलिस ने आरएसएस के एक पदाधिकारी और उनके बेटे की तस्वीर प्रसारित करने और यह आरोप लगाने के लिए अज्ञात लोगों के खिलाफ रविवार रात प्राथमिकी दर्ज की कि वे चार मई को दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने की घटना में शामिल थे. तस्वीर को कुछ लोगों ने ट्विटर और फेसबुक समेत सोशल मीडिया मंचों पर साझा किया था. मणिपुर पुलिस ने बताया, साइबर अपराध पुलिस थाने (सीसीपीएस) को एक संगठन के एक पदाधिकारी से एक रिपोर्ट मिली थी कि उनकी और उनके बेटे की एक तस्वीर, दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की वीडियो के स्क्रीनशॉट के साथ विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर अपलोड की गई है. बयान में कहा गया, उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने और कानून-व्यवस्था का उल्लंघन करने के इरादे से झूठी खबरें फैलाने के लिए सीसीपीएस में एक मामला दर्ज किया गया है.

सड़क से संसद तक मणिपुर मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन

मणिपुर मुद्दे को लेकर सड़क से लेकर संसद तक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. कांग्रेस ने संसद के मानसून सत्र के तीसरे दिन की कार्यवाही आरंभ होने से पहले सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मणिपुर के विषय पर संसद के भीतर बयान देना चाहिए, क्योंकि इस समय पूर्वोत्तर का यह राज्य इसका इंतजार कर रहा है और पूरा देश उनकी ओर देख रहा है. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ की यह मांग भी है कि समाधान की सामूहिक इच्छा को व्यक्त करने के लिए सदन में चर्चा हो. रमेश ने ट्वीट किया, आज संसद के मानसून सत्र का तीसरा दिन है. ‘इंडिया’ की मांग स्पष्ट है. मणिपुर में तीन मई के बाद के भयावह घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री को सदन में एक विस्तृत बयान देना चाहिए‌. उसके बाद हमारी पीड़ा, दुख और समाधान की सामूहिक इच्छा को व्यक्त करने के लिए चर्चा हो. उन्होंने आरोप लगाया, यही उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारियों से भागने के लिए कोई ड्रामा नहीं करेंगे, जैसा कि वह ऐसे मौकों पर अक्सर करते हैं. इनकार करना, तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश करना, ध्यान भटकाना और बदनाम करना उनकी आदत है. रमेश ने कहा, क्या इस अवसर पर वह इनसे ऊपर उठेंगे? मणिपुर इंतजार कर रहा है. देश देख रहा है.

टीएमसी ने मणिपुर में एक और महिला के यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया

तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने रविवार को आरोप लगाया कि 15 मई को मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में एक और महिला के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था. टीएमसी ने कहा, यदि इस तरह के क्रूर मामले एक महीने से अधिक समय के बाद लोगों के सामने आ रहे हैं, तो जो अभी तक सामने नहीं आया है वह वाकई भयानक होगा. मणिपुर की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर निशाना साधते हुए टीएमसी ने जातीय संघर्ष प्रभावित इस राज्य में कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त होने का आरोप लगाया और चार मई की घटना का भी जिक्र किया जिसमें भीड़ द्वारा दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाया गया था. दावा किया गया है कि 15 मई को मणिपुर के इंफाल पूर्वी जिले में 18 वर्षीय एक युवती का अपहरण किया गया, उस पर हमला किया गया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था, और उसने 21 जुलाई को पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज की गई थी.

पीड़ितों का हाल जानने मणिपुर पहुंचीं मालीवाल

मणिपुर में हिंसा की शिकार महिलाओं से मिलने के लिए दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की प्रमुख स्वाति मालीवाल मणिपुर पहुंची हैं. उन्होंने कहा, वह लोगों की सहायता के लिए मणिपुर आई हैं और वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी से अपील करेंगी कि वे लोगों की पीड़ा देखने के लिए राज्य का दौरा करें. जातीय संघर्ष ग्रस्त राज्य में रविवार दोपहर पहुंचीं मालीवाल ने यह भी कहा कि वह राजनीति में शामिल होने के लिए यहां नहीं आयी हैं और जिन लोगों को यहां आना चाहिए, अगर वे राज्य का दौरा करेंगे तो वह वापस चली जाएंगी. उन्होंने कहा, यहां महिलाएं पहले ही मुझसे संपर्क कर चुकी हैं… हिंसा उन्हें पिछले तीन महीनों से प्रभावित कर रही है. उन्होंने पहले घोषणा की थी कि राज्य सरकार द्वारा कथित तौर पर उनकी यात्रा की अनुमति देने से इनकार करने के बावजूद वह राज्य की अपनी यात्रा जारी रखेंगी. एक ट्वीट में मालीवाल ने कहा कि उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को पत्र लिखकर अपनी यात्रा के दौरान उनसे तत्काल मुलाकात की मांग की है.

मणिपुर सरकार ने मालीवाल को नहीं दी थी यात्रा की अनुमति

मालीवाल ने ट्वीट किया, मणिपुर सरकार ने सिफारिश की है कि मैं कानून और व्यवस्था की स्थिति के कारण अपनी यात्रा स्थगित करने पर विचार करूं. उनके सुझाव पर विचार-विमर्श के बाद, योजना के अनुसार इम्फाल के लिए उड़ान भरने का फैसला किया है। मणिपुर के मुख्यमंत्री से समय मांगा है. उनसे मिलूंगी और यौन उत्पीड़न पीड़ितों से मिलने के लिए उनसे साथ आने का अनुरोध करूंगी.

मणिपुर हिंसा की आग मिजोरम तक पहुंची, सुरक्षा कड़ी की गई

मणिपुर में हिंसा के खिलाफ मिजो संगठनों के राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर और एक पूर्व उग्रवादी समूह के बयान के बाद मेइती समुदाय के लोगों के राज्य छोड़ने की खबरों के बीच पूरे मिजोरम में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. अधिकारियों ने बताया कि रविवार को तीन विमानों से 78 लोग मणिपुर के लिए रवाना हुए. शनिवार को 65 लोगों ने पड़ोसी राज्य की यात्रा की थी. मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना का वीडियो सामने आने के बाद पूर्व उग्रवादियों के एक समूह ने समुदाय को राज्य छोड़ने के लिए कहा था, जिसके बाद मिजोरम के अन्य 41 मैतेई लोग सड़क मार्ग से असम के कछार जिले में चले गए. इसके अलावा मणिपुर के 31 मिजो छात्र वहां की मौजूदा स्थिति के कारण मिजोरम लौट आये.

क्या है मामला

गौरतलब है कि मणिपुर में लगभग एक हजार लोगों की हथियारबंद भीड़ ने कांगपोकपी जिले के एक गांव पर हमला किया और मकानों में लूटपाट की, उनमें आग लगायी, हत्या की तथा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया. यह घटना 4 मई की बतायी जा रही है. इन महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरा देश आक्रोशित है और घटना के विरोध में जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस मामले में 21 जून को एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसमें आदिवासी महिलाओं के अपहरण और उनसे शर्मनाक बर्ताव से पहले हुए जुल्म की दास्तां का उल्लेख है.

मणिपुर हिंसा में अबतक 160 से अधिक लोगों की हो चुकी है मौत

मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं. राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

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