मणिपुर हिंसा को लेकर संसद में गतिरोध जारी है. इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में कहा कि मैंने संसद के दोनों सदनों के विपक्ष के नेताओं को पत्र लिखा. हम मणिपुर के मुद्दे पर लंबी चर्चा के लिए तैयार हैं, सरकार को कोई डर नहीं है. उन्होंने कहा कि विपक्ष मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए उचित माहौल बनाए.
#WATCH | I have written to the Leaders of Opposition in both Houses that the government is ready for a discussion on Manipur and urged them to create a conducive atmosphere for a discussion on this sensitive matter: Union Home Minister Amit Shah in Lok Sabha pic.twitter.com/5HsWj6K8MU
— ANI (@ANI) July 25, 2023
मणिपुर मुद्दे पर विपक्षी सांसदों की नारेबाजी के बीच केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह लोकसभा में बहु-राज्य सहकारी सोसायटी (संशोधन) विधेयक 2022 पर अपनी बात रखी. उन्होंने कहा कि हम इस साल विजयादशमी या दिवाली से पहले एक नई सहकारी नीति लाएंगे.
विपक्ष के दोनों नेताओं को पत्र लिखा
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में कहा कि विपक्षी दलों को जनता से डरना चाहिए और मणिपुर जैसे संवेदनशील विषय पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाना चाहिए तथा सरकार को चर्चा से कोई डर नहीं है. उन्होंने लोकसभा में बहु राज्य सहकारी समितियां संशोधन विधेयक 2022 पर हुई संक्षिप्त चर्चा का जवाब देते हुए मणिपुर के विषय का उल्लेख किया और बताया कि उन्होंने इस संदर्भ में लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष के दोनों नेताओं को पत्र लिखा है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं तो अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में सबसे बड़े विपक्षी दल की हैसियत रखने वाली कांग्रेस के नेता हैं.
Also Read: गृह मंत्री अमित शाह ने सहारा रिफंड पोर्टल का किया उद्घाटन, निवेशकों का फंसा पैसा मिलेगा वापसलोकसभा में अमित शाह ने यह भी कि सरकार को मणिपुर पर चर्चा से कोई डर नहीं है और उसे कुछ छिपाना भी नहीं है. गृह मंत्री ने विपक्षी सदस्यों के लिए कहा कि जनता आपको देख रही है, चुनाव में जाना है. जनता के खौफ को ध्यान में रखें. आपसे विनती है कि मणिपुर जैसे संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा के लिए सदन में उचित माहौल बनाइए.
Union Home Minister Amit Shah tweets, "Today, I wrote to the opposition leaders of both houses, Adhir Chowdhury of Lok Sabha and Mallikarjun Kharge of Rajya Sabha, appealing to them for their invaluable cooperation in the discussion of the Manipur issue. The government is ready… pic.twitter.com/d2ukpUTQBW
— ANI (@ANI) July 25, 2023
विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें
उल्लेखनीय है कि मणिपुर के मुद्दे पर संसद में जारी गतिरोध के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को भी लोकसभा में कहा था कि सरकार इस बेहद संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा को तैयार है और विपक्ष से आग्रह है कि वे चर्चा होने दें और सच्चाई देश के सामने आने दें. कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र के पहले चार दिन दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार बाधित हुई.
मल्लिकार्जुन खरगे और पीयूष गोयल के बीच नोकझोंक
इधर, मणिपुर में हिंसा मुद्दे पर राज्यसभा में चर्चा को लेकर मंगलवार को सदन के नेता पीयूष गोयल एवं विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे के बीच नोंकझोंक देखने को मिली. खरगे ने इस मुद्दे पर चर्चा के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सदन में मौजूदगी की मांग की वहीं गोयल ने कहा कि विपक्ष शासित विभिन्न राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अपराध मुद्दे पर भी सदन में चर्चा की जाएगी.
Also Read: ‘जो कहना है कह लीजिए मोदी जी, लेकिन यह ‘I.N.D.I.A’ है, प्रधानमंत्री पर राहुल गांधी का पलटवारराज्यसभा में मणिपुर मामले को लेकर जोरदार हंगामा
राज्यसभा की बैठक एक बार के स्थगन के बाद मंगलवार दोपहर 12 बजे शुरू होने पर भी स्थिति पहले जैसी ही रही और विभिन्न विपक्षी दलों के सदस्य मणिपुर हिंसा पर कार्यस्थगन प्रस्ताव के तहत चर्चा कराने की मांग करने लगे. विपक्षी सदस्य इस मुद्दे पर पीएम मोदी के जवाब की भी मांग कर रहे थे. हंगामे के बीच ही सभापति जगदीप धनखड़ ने प्रश्नकाल चलाया और कुछ सदस्यों ने पूरक सवाल किये और संबंधित मंत्रियों ने उनके जवाब भी दिये.
क्या हुआ मणिपुर में
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने का वीडियो 19 जुलाई को सामने आने के बाद राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया. वीडियो चार मई का बताया जा रहा है. मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की बहुसंख्यक मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में तीन मई को ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद राज्य में भड़की जातीय हिंसा में अब तक 160 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. इस मामले को लेकर विपक्ष संसद में हंगामा कर रहा है.