मणिपुर मामले को लेकर सड़क से लेकर संसद तक हंगामा जारी है. पिछले 90 दिनों से जल रहे इस राज्य को लेकर भारत के पूर्व सेना प्रमुख ने जो खुलासा किया है, उससे खलबली मच गयी है. दरअसल पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने मणिपुर हिंसा के पीछे विदेशी ताकत होने का संकेत दे दिया है. उन्होंने कहा, मणिपुर हिंसा में विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता.
पूर्व सेना प्रमुख ने मणिपुर हिंसा में चीन का हाथ होने का दिया संकेत
जनरल (रिटायर्ड) नरवणे ने कहा कि सीमावर्ती राज्यों में अस्थिरता देश की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ठीक नहीं है. उन्होंने मणिपुर में विभिन्न विद्रोही संगठनों को चीन की ओर से दी जा रही सहायता का भी उल्लेख किया. पूर्व सेना प्रमुख ने इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में ‘राष्ट्रीय सुरक्षा परिप्रेक्ष्य’ विषय पर आयोजित एक चर्चा के दौरान मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सवालों का जवाब देते हुए यह बात कही. उन्होंने कहा, मैं कहता हूं कि इसमें न केवल विदेशी एजेंसियों की संलिप्तता से इनकार नहीं किया जा सकता है, बल्कि मैं कहूंगा कि वे निश्चित रूप से इसमें शामिल हैं, खासकर विभिन्न विद्रोही समूहों को मिल रही चीनी सहायता. पूर्व सेना प्रमुख ने कहा कि चीन कई वर्षों से इन विद्रोही समूहों की मदद कर रहा है और अब भी ऐसा करना जारी रखेगा.
I-N-D-I-A के सांसद जमीनी हकीकत का आकलन करने पहुंचे मणिपुर
विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (-N-D-I-A) के 21 सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल जमीनी हकीकत का आकलन करने के लिए हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को इंफाल पहुंचा. विपक्षी दलों के सांसदों का दल तीन मई से पूर्वोत्तर राज्य में भड़की जातीय हिंसा के पीड़ितों से मिलने के लिए कई राहत शिविरों का दौरा करेगा. सांसद दिल्ली से विमान के जरिये मणिपुर पहुंचे. प्रतिनिधिमंडल चुराचांदपुर में राहत शिविरों में रह रहे कुकी समुदाय के पीड़ितों से मिलने जाएगा, जहां हाल में हिंसा की घटनाएं हुई हैं. कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने यहां पहुंचने के बाद कहा कि मणिपुर में जातीय हिंसा की घटनाओं ने भारत की छवि को नुकसान पहुंचाया है. उन्होंने कहा, हम यहां राजनीति करने नहीं आए हैं और हम सभी को मणिपुर में संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान निकालने की कोशिश करनी चाहिए.
हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर जाएंगे विपक्षी सांसद
विपक्षी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल को सुरक्षा कारणों से इंफाल से हेलीकॉप्टर के जरिए चुराचांदपुर ले जाया जाएगा. इस समय केवल एक हेलीकॉप्टर उपलब्ध है, इसलिए प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को दो टीम में बांटा जाएगा और हेलीकॉप्टर उन्हें पहुंचाने के लिए दो फेरे लगाएगा. मणिपुर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (एमपीसीसी) के एक सूत्र ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी और अन्य सांसदों की एक टीम पहले चुराचांदपुर पहुंचेगी तथा चुराचांदपुर कॉलेज के लड़कों के छात्रावास में स्थापित एक राहत शिविर का दौरा करेगी. सूत्र ने बताया कि लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई और अन्य सांसदों की एक टीम चुराचांदपुर में डॉन बॉस्को स्कूल में एक राहत शिविर का दौरा करेगी.
मैतेई समुदास से भी मिलेगा विपक्ष का डेलिगेशन
इंफाल लौटने के बाद अधीर रंजन चौधरी के नेतृत्व वाली टीम मैतेई समुदाय के पीड़ितों से मिलने के लिए सड़क मार्ग से बिष्णुपुर जिले के मोइरांग कॉलेज में एक अन्य राहत शिविर में जाएगी. विपक्षी सांसदों की दूसरी टीम इंफाल पूर्वी जिले के अकंपत में ‘आइडियल गर्ल्स कॉलेज’ राहत शिविर जाएगी और इंफाल पश्चिमी जिले के लेम्बोइखोंगांगखोंग में एक अन्य शिविर का दौरा करेगी. प्रतिनिधिमंडल रविवार सुबह राजभवन में राज्यपाल अनसुइया उइके से मिलेगा और मणिपुर की मौजूदा स्थिति एवं शांति बहाल करने के लिए उठाए जा सकने वाले कदमों पर बात करेगा.
सीबीआई ने जांच अपने हाथ में ली
केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मणिपुर में 4 मई में भीड़ द्वारा दो महिलाओं का कथित यौन उत्पीड़न किए जाने संबंधी मामले की जांच अपने हाथ में ले ली है. अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर यह मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंप दिया गया है. सीबीआई ने अज्ञात लोगों के खिलाफ मणिपुर पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी के संबंध में अपनी प्रक्रिया के अनुसार कार्रवाई शुरू कर दी है.
क्या है मामला
दरअसल 3 मई को मणिपुर में मैतेई समुदाय के एसटी दर्जे के खिलाफ कुकी समुदाय द्वारा विरोध मार्च का आयोजन किया गया था. जिसमें हिंसा भड़क उठी थी. उसके ठीक दूसरे दिन 1000 से अधिक लोगों की भीड़ एक गांव पर हमला कर दिया और दो महिलाओं को निर्वस्त्र का सड़क पर घुमाया कराया था. उस घटना के करीब 75 दिनों के बाद 19 जुलाई को उसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. जिसके बाद पूरे देशभर में आक्रोश भड़क उठा. सड़क से संसद तक इस घटना की निंदा की गयी. वीडियो सामने आने के बाद खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी निंदा की और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया.