Manipur Violence: मणिपुर में भीड़ ने एम्बुलेंस में लगाई आग, मां-बेटे सहित तीन की मौत, कर्फ्यू में दी गयी ढील
गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे के सिर में गोली लग गई थी और उसकी मां तथा एक रिश्तेदार उसे इंफाल स्थित अस्पताल ले जा रहे थे. भीड़ के हमले में मारे गए तीनों लोगों की पहचान तोंसिंग हैंगिंग (8), उसकी मां मीना हैंगिंग (45) और रिश्तेदार लिदिया लोरेम्बम (37) के तौर पर हुई है.
मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रहा है. पश्चिम इंफाल जिले में भीड़ ने एक एम्बुलेंस को रास्ते में रोक उसमें आग लगा दी, जिससे उसमें सवार आठ वर्षीय बच्चे, उसकी मां और एक अन्य रिश्तेदार की मौत हो गई. इधर हिंसा ग्रस्त क्षेत्रों में कर्फ्यू में ढील दी गयी है.
गोलीबारी की घटना में बच्चे के सिर पर लगी गोली
अधिकारी ने बताया कि यह घटना रविवार शाम को इरोइसेम्बा में हुई. उन्होंने कहा कि गोलीबारी की एक घटना के दौरान बच्चे के सिर में गोली लग गई थी और उसकी मां तथा एक रिश्तेदार उसे इंफाल स्थित अस्पताल ले जा रहे थे. भीड़ के हमले में मारे गए तीनों लोगों की पहचान तोंसिंग हैंगिंग (8), उसकी मां मीना हैंगिंग (45) और रिश्तेदार लिदिया लोरेम्बम (37) के तौर पर हुई है.
कैसे हुई घटना
सूत्रों ने बताया कि एक आदिवासी का बेटा तोंसिंग और मेइती जाति की उसकी मां कंग्चुप में असम राइफल्स के राहत शिविर में रह रहे थे. चार जून को शाम के समय इलाके में गोलीबारी शुरू हो गई और शिविर में होने के बावजूद बच्चे को गोली लग गई. मां बहुसंख्यक समुदाय से थी, इसलिए बच्चे को सड़क मार्ग से इंफाल के ‘रीजनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंसेज’ ले जाने का फैसला किया गया. कुछ किलोमीटर तक असम राइफल्स की सुरक्षा में एम्बुलेंस को ले गया गया और उसके बाद स्थानीय पुलिस ने मोर्चा संभाला. शाम करीब साढ़े छह बजे इरोइसेम्बा में कुछ लोगों ने एम्बुलेंस को रोका और उसमें आग लगा दी. वाहन में सवार तीनों लोगों की मौत हो गई.
पांच घाटी जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई
मणिपुर में पांच घाटी जिलों में 12 घंटे और पड़ोसी पहाड़ी जिलों में 10 घंटे और आठ घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई है. छह अन्य पहाड़ी जिलों में कर्फ्यू नहीं है. एनएच-37 के साथ आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही सुनिश्चित की गई है. मणिपुर सरकार के सलाहकार (सुरक्षा) कुलदीप सिंह ने कहा, 244 खाली वाहन आज इंफाल से जिरीबाम के लिए रवाना हुए हैं. कुल 212 लोडेड वाहन नोनी से रवाना हुए हैं और 212 लोडेड टैंकर और ट्रक आज जिरिबाम से रवाना हुए हैं.
Curfew relaxation has been made for 12 hours in five valley districts, and 10 hours and eight hours in neighboring hill districts in Manipur. There is no curfew in six other hill districts. Movement of essential items along NH-37 is ensured. 244 empty vehicles have left Imphal… pic.twitter.com/hhu824ct7z
— ANI (@ANI) June 7, 2023
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, आवश्यक कार्रवाई की जाएगी
मणिपुर हिंसा पर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा, यह एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना है, सांप्रदायिक मतभेदों के कारण हिंसा हुई. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह खुद 4 दिनों तक यहां रहे और एसओयू समूहों से यथास्थिति बनाए रखने की अपील की और कई ने आत्मसमर्पण भी किया.
मणिपुर में क्यों और कैसे भड़की हिंसा?
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद हिंसक झड़पें शुरू हो गई थीं. मणिपुर में 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. आदिवासियों-नगा और कुकी समुदाय की आबादी 40 प्रतिशत है और यह मुख्यत: पर्वतीय जिलों में बसती है.