Manipur Violence : मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, मोरेह में SDPO की हत्या, सीएम एन बीरेन ने की निंदा
Manipur Violence : मणिपुर में हिंसा की आग ठंडा होने का नाम ही नहीं ले रही है. कुछ दिन शांति रहती है फिर प्रदेश में तनाव छिड़ जाता है. इसी कड़ी में मोरेह शहर में नवनिर्मित हेलीपैड का निरीक्षण करने के दौरान उग्रवादियों ने गोली बारी की, जिससे उनकी मौत हो गई.
Manipur Violence : मणिपुर में हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है. हिंसाग्रस्त प्रदेश में थोड़ी सी शांति होती नजर आती है कि कहीं न कहीं से अप्रिय घटना घट ही जा रही है. ताजा मामला मोरेह शहर का है, जहां मंगलवार की सुबह गोलियों की तड़तड़ाहट से गूंज उठी. यहां संदिग्ध कुकी हथियारबंद असामाजिक तत्वों ने पुलिस के जवानों पर गोलीबारी की. इस हमले में पुलिस के एक अधिकारी को गोली लग गई, गंभीर हालत में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया लेकिन इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई.
हेलीपैड का निरीक्षण के दौरान हुई गोलीबारी
वहीं, घटना को लेकर पुलिस के एक आला अधिकारी ने कहा है कि मोरेह के एसडीपीओ चिंगथम आनंद को गोली लगी. गोलीबारी कुकी समुदाय के कुछ बदमाश लोगों ने की थी. गोलीबारी के समय एसडीपीओ सीमावर्ती शहर में पूर्वी मैदान में एक नवनिर्मित हेलीपैड का निरीक्षण कर रहे थे. इसी दौरान बदमाशों ने गोलीबारी कर दी. पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के बाद एसडीपीओ को मोरेह के एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया जहां उन्होंने दम तोड़ दिया. वहीं पुलिस का कहना है कि उग्रवादियों को पकड़ने के लिए इलाके में अभियान शुरू कर दिया गया है.
सुरक्षाकर्मियों को हटाने की हो रही है मांग
बता दें, यह घटना कई नागरिक समाज संगठनों, विशेषकर मोरेह स्थित संगठनों की ओर से सीमावर्ती शहर से सुरक्षाकर्मियों को हटाने की मांग किए जाने के कुछ सप्ताह बाद हुई है. मणिपुर पुलिस ने मेइती समुदाय की ओर से छोड़े गए घरों से पिछले कुछ दिनों में फर्नीचर और अन्य घरेलू सामान चुराने तथा अवैध रूप से भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करने के आरोप में म्यांमा के 10 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है.
म्यांमा के कई लोग चोरी के आरोप में गिरफ्तार
इसी कड़ी में प्रदेश के सीएम एन बीरेन सिंह ने मई महीने में राज्य में हिंसा भड़कने के दौरान जलाए गए घरों से फर्नीचर और बिजली का सामान चुराने के आरोप में 21 अक्टूबर को म्यांमा के तीन लोगों की गिरफ्तारी पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था.यह तब हुआ जब कुछ विशेष संगठन मोरेह शहर में राज्य पुलिस और कमांडो की तैनाती का विरोध कर रहे हैं.