मणिपुर हिंसाः कुकी जनजाति की सुरक्षा की मांग वाली याचिका खारिज, SC ने दिया हेट स्पीच से दूर रहने का निर्देश
Manipur violence: मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नफरत भरे भाषण न देने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सभी पक्षों से संतुलन की भावना बनाए रखने और किसी से भी हेट स्पीच में हिस्सा न लेने की अपील की है.
Manipur violence: सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय सेना की ओर से कुकी जनजाति की सुरक्षा की मांग करने वाली मणिपुर जनजातीय मंच की याचिका खारिज कर दी है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कहा है कि कोर्ट के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों को इस तरह का निर्देश देना उचित नहीं होगा. वहीं, कोर्ट ने यह भी कहा है कि वह केंद्र और मणिपुर राज्य पर प्रदेश के लोगों के जीवन और सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए दबाव डालेगा.
Supreme Court declines the plea of Manipur Tribal Forum seeking protection of the Kuki tribe by the Indian Army; SC says it would not be appropriate for the court to pass such direction to Army and paramilitary forces.
Supreme Court says, at the same time, it would impress upon… pic.twitter.com/aL7j6xwgnX
— ANI (@ANI) July 11, 2023
हेट स्पीच से दूर रहें सभी- सुप्रीम कोर्ट
मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सभी से कहा है कि कोई भी इस मामले पर हेट स्पीच न दे. सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने सभी पक्षों से संतुलन की भावना बनाए रखने और किसी से भी नफरत भरे भाषण में हिस्सा न लेने की अपील की है. गौरतलब है कि मणिपुर में लगातार हिंसा हो रही है. आरक्षण के मुद्दे पर दो समुदाय आमने-सामने हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की दलील
गौरतलब है कि इससे पहले सोमवार को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह राज्य की कानून-व्यवस्था अपने हाथ में नहीं ले सकता है. बता दें, सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर ट्राइबल फोरम दिल्ली के एडवोकेट कोलिन गोंजाल्वेज की एक दलील पेश की थी. गोंजाल्वेज ने कहा कि सरकार ने प्रदेश में हिंसा रोकने की बात कही थी लेकिन हिंसा नहीं रुकी और मृतकों का आंकड़ा लगातार बढ़ता गया. याचिकाकर्ता की दलील पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा था कि हम राज्य की कानून-व्यवस्था को अपने हाथ में नहीं ले सकते हैं. यह राज्य और केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है.
Also Read: Delhi Rain: यमुना का दिख रहा रौद्र रूप, खतरे के निशान से ऊपर बह रही नदी, निचला इलाका कराया गया खाली
क्यों जल रहा है मणिपुर
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के आयोजन के बाद से ही झड़पें शुरू हुई थी. इसके बाद पूरा मणिपुर जल उठा. हिंसा में कम से कम 150 लोगों की जान जा चुकी है. बता दें, मणिपुर की 53 फीसदी आबादी मेइती समुदाय की है और यह मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहती है. वहीं, नगा और कुकी जैसे आदिवासी समुदायों की आबादी 40 फीसदी है और यह मुख्यत पर्वतीय जिलों में रहती है.
भाषा इनपुट से साभार