मणिपुर में स्थिति अब भी तनावपूर्ण बनी हुई थी. रह-रहकर आगजनी और झड़प की खबरें आ रही हैं. इंफाल पश्चिम जिले में बुधवार तड़के अज्ञात लोगों ने एक विशेष समुदाय के दो खाली घरों में आग लगा दी. लंगोल इलाके में हुई घटना में दमकलकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे और आग पर काबू पाया. इस घटना में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है.
सुरक्षकर्मियों के पाली बदलने के दौरान अज्ञात लोगों ने घरों को आग के हवाले किया
अधिकारियों ने बताया, आगजनी की घटना उस समय हुई जब सुरक्षकर्मी पाली बदल रहे थे. उन्होंने बताया कि इंफाल वेस्ट क्षेत्र मैतेई बाहुल्य जिला है जहां से अधिकतर आदिवासी निवासी मई में जातीय हिंसा शुरू होने के बाद अपने घर छोड़कर चले गए हैं. सेना के जवान खाली पड़े इन घरों की सुरक्षा कर रहे थे. केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) जवानों को घरों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी थी.
मणिपुर में अस्थिर और तनावपूर्ण स्थिति
मणिपुर पुलिस नियंत्रण कक्ष द्वारा जारी बयान में बताया गया कि राज्य में स्थिति अब भी अस्थिर और तनावपूर्ण लेकिन नियंत्रण में है तथा सुरक्षा बलों ने राज्य के संवेदनशील और सीमावर्ती इलाकों में तलाश अभियान चलाया.
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कोम यूनियन के अध्यक्ष पर उग्रवादियों ने किया हमला
अधिकारियों ने बताया कि कोम यूनियन मणिपुर के अध्यक्ष सर्टो अहाओ कोम (45) को इंफाल के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन पर मंगलवार देर रात चुराचांदपुर जिले के चिंगफेई गांव के पास उग्रवादियों ने हमला किया था. सर्टो ने बताया, उग्रवादियों ने उन पर अरामबाई टेंगोल, मेइती लीपुन और कोकोमी जैसे मैतेई निकायों के साथ संबंध रखने का आरोप लगाया है.
इंफाल में कर्फ्यू में छूट की अवधि एक घंटे बढ़ाई गई
एक आधिकारिक ने बताया, मणिपुर सरकार ने कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार के मद्देनजर इंफाल पूर्व और पश्चिम जिलों में कर्फ्यू में छूट की अवधि एक घंटे बढ़ा दी है. अब दोनों जिलों में कर्फ्यू में ढील की अवधि सुबह पांच बजे से रात आठ बजे तक है. बताया जा रहा है, कानून और व्यवस्था की स्थिति में काफी सुधार हुआ है और आम जनता को दवाओं और खाद्य पदार्थ सहित आवश्यक वस्तुओं की खरीददारी के लिए प्रतिबंध में ढील देने की आवश्यकता है. राज्य के अन्य जिलों थाउबल, काकचिंग और बिष्णुपुर में कर्फ्यू में छूट की अवधि सुबह पांच बजे से शाम पांच बजे तक ही रहेगी.
3 मई को भड़की हिंसा में अबतक 160 से अधिक लोगों की मौत
गौरतलब है कि 3 मई को मणिपुर में पहली बार हिंसा की आग भड़की थी. जब अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मैतेई समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च. का आयोजन किया गया था. इसी दौरान हिंसा भड़की उठी थी. उसके बाद राज्य से लगातार हिंसा की खबरें आ रहीं हैं. हिंसा में अबतक 160 लोगों की मौत हो चुकी है.
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले से गुस्से में देश
मणिपुर में हिंसा के बीच करीब 1000 लोगों की भीड़ ने एक गांव पर हमला कर दिया था और दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया था. इस शर्मनाक घटना का वीडियो 19 जुलाई को सोशल मीडिया में वायरल हुआ था. वीडियो सामने आने के बाद देशभर में इस घटना की निंदा की गयी. इस घटना को लेकर देशव्यापी आक्रोश भड़की. जिसके बाद कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 7 लोगों को गिरफ्तार किया था. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और सुनवाई शुरू हुई. बातया जाता है कि घटना 4 मई को हुई थी.