Manipur Violence: मणिपुर में पिछले महीने से चली आ रही हिंसा अभी तक नहीं थमी है. हिंसा के मद्देनजर, कई जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है. सरकार शांति बहाली के लिए सेना को मोर्चे पर लगा रखी है. मणिपुर हिंसा को लेकर शनिवार को दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक हुई. इस बैठक में मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई. बैठक में बीजेपी को मिलाकर कुल 18 राजनीतिक दल शामिल हुए. इन सबके बीच, मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दल के नेता केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है.
मणिपुर की स्थिति की समीक्षा के लिए कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, मणिपुर में पिछले 50 दिनों से हालात सबसे खराब हैं. महिलाएं, बच्चे सभी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुताबिक, स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन अभी भी घर जल रहे हैं और सड़कें जाम हो रही हैं. मैंने बैठक में मांग की है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए जितनी जल्दी हो सके राज्य में एक बार फिर से शांति बहाल की जाए.
#WATCH | "The situation in Manipur is in the worst condition for the past 50 days. Women, children everyone is suffering due to this…According to HM Amit Shah, the situation has improved but still houses are burning, and roads are being blocked…I have demanded in the meeting… pic.twitter.com/PkhZxINExA
— ANI (@ANI) June 25, 2023
वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में टीएमसी (TMC) सांसद सौगत रॉय ने कहा, अमित शाह मणिपुर में शांति बहाली में विफल रहे हैं. वह खुद तीन दिवसीय दौरे पर वहां गए थे, लेकिन कुछ नहीं कर पाए. मणिपुर के मुख्यमंत्री को हटाने के लिए आवाजें उठ रही हैं. केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.
#WATCH | "Amit Shah has failed in peace restoration in Manipur. He himself went there for the 3-day visit but was not able to do anything…Voices are rising to remove the CM of Manipur, Central government should think over this," says TMC MP Sougata Roy on all-party meeting… pic.twitter.com/AdMOjjxL9z
— ANI (@ANI) June 25, 2023
मणिपुर 3 मई से ही हिंसा की आग में झुलस रहा है. हिंसा की शुरुआत उस समय हुई जब तीन मई को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने के विरोध में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच में पहली बार झड़प देखने को मिली. देखते ही देखते झड़प हिंसा में तब्दील हो गई है और पूरे राज्य में फैल गई. सैकड़ों घरों को जला दिया गया. अब तक सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, हजारों की संख्या में लोगों को राहत शिविर में रखा गया है. वहीं, सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं.