मणिपुर में नहीं थम रही हिंसा, विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार पर बोला हमला, जानें किसने क्या कहा…

मणिपुर हिंसा को लेकर शनिवार को दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक हुई. इस बैठक में मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई.

By Samir Kumar | June 25, 2023 11:50 AM

Manipur Violence: मणिपुर में पिछले महीने से चली आ रही हिंसा अभी तक नहीं थमी है. हिंसा के मद्देनजर, कई जिलों में कर्फ्यू लगा हुआ है. सरकार शांति बहाली के लिए सेना को मोर्चे पर लगा रखी है. मणिपुर हिंसा को लेकर शनिवार को दिल्ली केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अगुवाई में सर्वदलीय बैठक हुई. इस बैठक में मणिपुर में जारी हिंसा को रोकने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी दी गई. बैठक में बीजेपी को मिलाकर कुल 18 राजनीतिक दल शामिल हुए. इन सबके बीच, मणिपुर हिंसा को लेकर विपक्षी दल के नेता केंद्र सरकार पर लगातार हमलावर है.

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए: सपा सांसद

मणिपुर की स्थिति की समीक्षा के लिए कल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में सपा सांसद राम गोपाल यादव ने कहा, मणिपुर में पिछले 50 दिनों से हालात सबसे खराब हैं. महिलाएं, बच्चे सभी को इसका खामियाजा भुगतना पड़ रहा है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के मुताबिक, स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन अभी भी घर जल रहे हैं और सड़कें जाम हो रही हैं. मैंने बैठक में मांग की है कि मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए जितनी जल्दी हो सके राज्य में एक बार फिर से शांति बहाल की जाए.


मणिपुर के सीएम को हटाने पर विचार करे केंद्र: टीएमसी सांसद

वहीं, केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई सर्वदलीय बैठक में टीएमसी (TMC) सांसद सौगत रॉय ने कहा, अमित शाह मणिपुर में शांति बहाली में विफल रहे हैं. वह खुद तीन दिवसीय दौरे पर वहां गए थे, लेकिन कुछ नहीं कर पाए. मणिपुर के मुख्यमंत्री को हटाने के लिए आवाजें उठ रही हैं. केंद्र सरकार को इस पर विचार करना चाहिए.


मणिपुर में 3 मई को शुरू हुई थी हिंसा

मणिपुर 3 मई से ही हिंसा की आग में झुलस रहा है. हिंसा की शुरुआत उस समय हुई जब तीन मई को अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने के विरोध में कुकी और मैतेई समुदाय के बीच में पहली बार झड़प देखने को मिली. देखते ही देखते झड़प हिंसा में तब्दील हो गई है और पूरे राज्य में फैल गई. सैकड़ों घरों को जला दिया गया. अब तक सौ से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. जबकि, हजारों की संख्या में लोगों को राहत शिविर में रखा गया है. वहीं, सैकड़ों परिवार विस्थापित हो गए हैं.

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