Manipur Violence: मणिपुर में इस समय हालात काफी गंभीर हो गए हैं. यहां मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति कैटेगरी में शामिल करने की मांग को लेकर पूरे प्रदेश में तहलका मचा हुआ है. मैतेई समुदाय को एसटी समुदाय में शामिल करने की मांग को लेकर बवाल लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां लगातार बिगड़ते हालात को देखते हुए सरकार 5 दिनों के लिए इंटरनेट सेवा ठप कर दिया है, इंटरनेट सेवाएं भले ही ठप कर दी गयी है लेकिन, लोग अभी भी यहां ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल कर पा रहे हैं. बता दें लगातार बिगड़ते हालातों को देखते हुए 8 जिलों में कर्फ्यू की घोषणा कर दी गयी है. मणिपुर में आंदोलन के दौरान हिंसा भड़कने के बाद स्थिति पर काबू पाने के लिए सेना और असम राइफल्स को तैनात किया गया है.
मणिपुर में परसों यानी मंगलवार को चुराचांदपुर जिले के तोरबंग इलाके में ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर (ATSU) द्वारा बुलाए गए आदिवासी एकजुटता मार्च के दौरान हिंसा भड़क गई. अन्य समुदायों के अनुसार, मैतेई के पक्ष में यह कदम है. जिनकी आबादी लगभग 53 प्रतिशत है और इसकी वजह से उन्हें सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश से वंचित कर देगा. रैली के दौरान झड़पों की सूचना मिली जिसमें हजारों आंदोलनकारियों ने हिस्सा लिया. जानकारी के लिए बता दें मैतेई समुदाय को अनुसूचित जनजाति कैटेगरी में शामिल करने की मांग का विरोध करने के लिए छात्रों के एक संगठन की तरफ से बुलाए गए आदिवासी एकता मार्च में हिंसा भड़क गई थी. दंगों के दौरान आंदोलनकारियों ने कई घरों में तोड़फोड़ भी की थी.
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स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने भीड़ पर आंसू गैस के गोले दागे. केवल यहीं नहीं हालात पर काबू पाने के लिए गैर आदिवासी क्षेत्र जैसे कि इंफाल पश्चिम, काकचिंग, थौबल, जिरिबाम और बिष्णुपुर में कर्फ्यू लगाया गया है. वहीं, आदिवासी क्षेत्र जैसे कि चुरांचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जैसे जिलों में भी कर्फ्यू लगा दी गयी है.