Manipur Violence: मंत्री नेमचा किपगेन के घर पर गयी लगाई आग, जानें मणिपुर के क्या है हालात
Manipur Violence: इंफाल पश्चिम जिले के लाम्फेल इलाके में बुधवार रात अज्ञात लोगों ने मणिपुर की महिला मंत्री नेमचा किपजेन के आधिकारिक आवास में आग लगा दी. कुकी समुदाय की नेता किपगेन के आवास में जब आग लगाई गई, तब उसमें कोई नहीं था.
Manipur Violence: पश्चिम इंफाल जिले के लाम्फेल इलाके में मणिपुर की महिला मंत्री नेमचा किपगेन के आधिकारिक आवास में कल शाम अज्ञात लोगों ने आग लगा दी. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार यह आग शाम के करीब साढ़े 6 बजे लगाई गयी थी. एक अधिकारी ने इस घटना की जानकारी दी. जानकारी के अनुसार जिस समय उनके आवास पर आग लगाया गया उस समय आवास के अंदर कोई नहीं था. सूचना मिलने पर दमकल की टीम मौके पर पहुंची और आग पर काबू पा लिया. जानकारी के लिए बता दें किपगेन कुकी समुदाय की नेता हैं और आग लगने की जिम्मेदारी अभी तक किसी समूह ने नहीं ली है.
16 में से 11 जिलों में लगा कर्फ्यू
अधिकारियों ने घटना पर बात करते हुए कहा कि इससे पहले, मंगलवार देर रात करीब 1 बजे हथियारबंद बदमाशों ने इंफाल पूर्वी जिले और कांगपोकी जिले के बॉर्डर से लगे खमेनलोक क्षेत्र के कुकी गांव को घेरकर हमला शुरू कर दिया. इसके बाद हुई गोलीबारी में दोनों पक्षों के लोग हताहत हो गए. यह क्षेत्र मेइती-बहुल इंफाल पूर्वी जिले और आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले की सीमाओं के पास स्थित है. इस बीच, जिला अधिकारियों ने इंफाल पूर्वी जिले और इंफाल पश्चिम जिले में कर्फ्यू में छूट के घंटे कम कर दिये हैं. पहले यह छूट सुबह 5 बजे से शाम 6 बजे तक थी, लेकिन अब इसे 9 बजे से 6 बजे कर दिया गया है. मणिपुर के 16 में से 11 जिलों में कर्फ्यू लागू है, जबकि इंटरनेट सेवाएं निलंबित हैं.
अबतक 100 से अधिक लोगों की गयी जान
एक महीने पहले मणिपुर में मेइती और कुकी समुदाय के लोगों के बीच हुई जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की जान चली गई थी और 310 अन्य घायल हो गए थे. राज्य में शांति बहाल करने के लिए सेना और अर्धसैनिक बलों के जवानों को तैनात किया गया है. गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (ST) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में 3 मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के आयोजन के बाद झड़पें हुई थीं. बता दें मणिपुर की 53 प्रतिशत आबादी मेइती समुदाय की है और ये मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. आदिवासियों- नगा और कुकी की आबादी 40 प्रतिशत है और ये पर्वतीय जिलों में रहते हैं. (भाषा इनपुट के साथ)