मणिपुर में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है. यदि आपको याद हो तो पिछले हफ्ते, असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने मणिपुर मामले पर कांग्रेस पर हमला किया था. उन्होंने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना करने वाले कांग्रेस को पूर्व यूपीए सरकार की याद दिलाई थी. सरमा ने आरोप लगाया था कि मणिपुर मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली यूपीए सरकार के तहत देश की नाकाबंदी राजधानी बन गया है.
सरकारी सूत्रों के हवाले से जो मीडिया में खबरें चल रहीं हैं उसके अनुसार, यूपीए सरकार के कार्यकाल में 2010 से 2017 के बीच साल में 30 दिन से लेकर 139 दिन तक नाकेबंदी देखी जा चुकी है. इन नाकेबंदी के दौरान, पेट्रोल और एलपीजी की कीमतें क्रमशः 240 रुपये लीटर और 1,900 प्रति सिलेंडर तक बढ़ जाती थी. इससे गंभीर मानवीय संकट पैदा हो जाता था. इनर लाइन परमिट आंदोलन के दौरान, इंफाल पूर्व में पुलिस कार्रवाई में सैपम रॉबिनहुड नाम के एक छात्र की मौत हो गयी थी. तीन महीने से अधिक समय तक राज्य में व्यापक विरोध प्रदर्शन और नाकेबंदी देखने को मिली थी.
यूपीए सरकार के विपरीत एनडीए सरकार ने मणिपुर हिंसा के बाद लोगों का ध्यान रखा. सूत्रों ने कहा, पर्याप्त राहत सामग्री की उपलब्धता ने सुनिश्चित किया कि 3 मई को शुरू हुई मणिपुर हिंसा के दौरान प्रत्येक शिविर में भारतीय खाद्य निगम के माध्यम से 30,000 मीट्रिक टन चावल आवंटित किया गया. 101.75 करोड़ रुपये का तत्काल वित्तीय पैकेज प्रदान किया गया. आश्रय शिविरों में रहने वाले लोगों की राहत और पुनर्वास के लिए सरकार काम कर रही है.
मणिपुर में जारी हिंसा के दौरान सरकार द्वारा की गयी तत्काल कार्रवाई के बारे में जानें
1. केंद्र सरकार ने 3 मई से ही त्वरित कार्रवाई की और मणिपुर के अधिकारियों के साथ काम किया. यहां सीएपीएफ कंपनियों की तैनात की गयी.
2. अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किये गये- सीएपीएफ की 124 कंपनियां और भारतीय सेना/असम राइफल्स की 184 टुकड़ियां भेजी गयी.
3. तुरंत हेलीकॉप्टर और ड्रोन तैनात किये गये.
4. कुलदीप सिंह, आईपीएस (सेवानिवृत्त) को मणिपुर सरकार द्वारा सुरक्षा सलाहकार नियुक्त किया गया. उन्होंने 4 मई, 2023 को कार्यभार संभाला.
5. वरिष्ठ अधिकारी विनीत जोशी (आईएएस) को भारत सरकार से वापस बुलायाऔर 7 मई को मुख्य सचिव नियुक्त किया गया.
6. आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित की गयी.
7. गृह मंत्री अमित शाह 29 मई से 1 जून के बीच मणिपुर में रहे.
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8. गृह मंत्री अमित शाह ने सरकारी अधिकारियों, सुरक्षा बलों, राजनीतिक नेताओं, नागरिक समाज संगठनों के साथ 15 से अधिक बैठकें की गईं. हिंसा प्रभावित क्षेत्रों और राहत शिविरों का दौरा किया. साथ ही संघर्ष से प्रभावित विभिन्न समुदायों के लोगों से बातचीत की.
9. एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक आयोग द्वारा न्यायिक जांच कराने का फैसला लिया गया.
10. विशेष सीबीआई टीम द्वारा छह मामले की जांच
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कितना हुआ मणिपुर हिंसा से नुकसान
-अबतक 150 मौत (3 से 5 मई: 59, 27 मई से 29 मई: 28, 13 जून: 9)
-घायल: 502
-आगजनी के मामले: 5,101
-एफआईआर दर्ज: 6,065
-गिरफ्तारी: 252
-निवारक उपाय के रूप में गिरफ्तारियां: 12,740
राहुल गांधी ने एनडीए सरकार को घेरा
इधर, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुई वीभत्स घटना और कुछ अन्य घटनाओं का हवाला देते हुए शुक्रवार को आरोप लगाया कि बीजेपी सत्ता के लोभ में महिला सम्मान और देश के आत्मसम्मान के साथ खिलवाड़ कर रही है. राहुल गांधी ने एक फेसबुक पोस्ट के माध्यम से मणिपुर की घटना और महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुछ अन्य मामलों का उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि जो देश अपनी महिलाओं का सम्मान नहीं करता वो कभी आगे नहीं बढ़ सकता. सत्ता के लोभ में बीजेपी महिला सम्मान और देश के आत्मसम्मान, दोनों के साथ खिलवाड़ कर रही है.
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मणिपुर मामले को लेकर संसद में गतिरोध जारी है. कांग्रेस और विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के अन्य घटक दल मानसून सत्र के पहले दिन से ही मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नेरंद्र मोदी से संसद में वक्तव्य देने और चर्चा कराए जाने की मांग कर रहे हैं. इस मुद्दे पर हंगामे के कारण दोनों सदनों में कार्यवाही बाधित रही है.