Manipur: हिंसा में झुलसते मणिपुर में अब हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं. इस हिंसा में अबतक 54 लोगों की जान जा चुकी है जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं. मणिपुर के हिंसा (Manipur Violence) प्रभावित इलाकों में रविवार सुबह 10 बजे कर्फ्यू में कुछ घंटों की ढील दी गयी. इस दौरान खाद्य पदार्थ, दवाइयां व अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए लोग बड़ी संख्या में घरों से बाहर निकले. इसके साथ ही आम जनजीवन पटरी पर लौटता नजर आया.
इधर, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कहा है कि हिंसा प्रभावित मणिपुर में राज्य के 22 छात्र फंसे हुए हैं जिन्हें पहले असम ले जाया जाएगा और वहां से उन्हें घर वापस लाने के लिए एक विशेष उड़ान की व्यवस्था की जाएगी. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी बयान के अनुसार, मणिपुर में फिलहाल महाराष्ट्र के 14 विद्यार्थियों को शिवसेना के स्थानीय कार्यालय में स्थानांतरित किया गया है. बयान के मुताबिक, विद्यार्थियों को पहले असम भेजा जाएगा और वहां से उनके लिए घर लौटने के लिए एक विशेष उड़ान की व्यवस्था की जाएगी.
खबरों की मानें तो राजस्थान सरकार मणिपुर से लगभग 125 राजस्थानियों को वापस लाने के लिए निजी एयरलाइन इंडिगो से बात कर रही है, जिनमें से अधिकांश छात्र हैं. मणिपुर के पूर्वोत्तर पड़ोसी असम, मेघालय और त्रिपुरा ने पहले ही संकटग्रस्त राज्य में फंसे अपने निवासियों को निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. यूपी के छात्रों ने जैसे ही मदद की गुहार लगाई, यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को मणिपुर से राज्य के छात्रों और अन्य लोगों को निकालने की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अधिकारियों से केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में पढ़ रहे राज्य के एक छात्र को वापस लाने के लिए कहा है.
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आपको बता दें कि पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में आदिवासियों और बहुसंख्यक मेइती समुदाय के सदस्यों के बीच हाल ही में हिंसक झड़पें हुईं, जिसमें अब तक 13,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और कम से कम 54 लोग मारे गये हैं. बहुसंख्यक मेइती समुदाय की ओर से अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिए जाने की मांग के विरोध में ‘ऑल ट्राइबल स्टूडेंट यूनियन मणिपुर’ (एटीएसयूएम) की ओर से पिछले दिनों आयोजित ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ के दौरान चुराचांदपुर जिले के तोरबंग क्षेत्र में हिंसा भड़क गई थी, जो धीरे-धीरे पूरे राज्य में फैल गयी थी.