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मणिपुर का वीडियो ट्विटर से हटाने को कहा गया, पुलिस ने आरोपी को दबोचा, महिलाओं के वीडियो से पूरे देश में गुस्सा

manipur viral video: मणिपुर में करीब दो माह से जातीय हिंसा हो रही है. इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री ने पहली बार सार्वजनिक टिप्पणी की है. विपक्ष लगातार मोदी सरकार पर हमलावर है. सुप्रीम कोर्ट ने भी मामले को लेकर सख्त टिप्पणी की है.

By Amitabh Kumar | July 20, 2023 6:37 PM
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मणिपुर घटना का वीडियो देखकर पूरे देश के लोग गुस्से में हैं. इस बीच राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने औपचारिक निर्देश देते हुए ट्विटर इंडिया से मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने से संबंधित वीडियो हटाने के लिये कहा है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है जिसे देखबर हर कोई अपना गुस्सा जाहीर कर रहा है.

एनसीडब्ल्यू ने ट्वीट कर बताया कि ट्विटर इंडिया के सार्वजनिक नीति प्रमुख को औपचारिक निर्देश में उस वीडियो को हटाने के लिए कहा है, जिसमें दो महिलाओं को निर्वस्त्र अवस्था में घुमाए जाने के घृणित कृत्य नजर आ रहा है. इस वीडियो से पीड़ितों की पहचान उजागर होती है और यह एक दंडनीय अपराध की श्रेणी में आता है.

एक आरोपी गिरफ्तार

मणिपुर के ‘इंडिजीनियस ट्राइबल लीडर्स फोरम’ (आईटीएलएफ) के एक प्रवक्ता की मानें तो सोशल मीडिया पर वायरल यह ‘घृणित’ घटना चार मई को कांगपोकपी जिले में हुई है. वीडियो में नजर आ रहा है कि पुरुष असहाय महिलाओं के साथ लगातार छेड़छाड़ कर रहे हैं और वे (महिलाएं) रो रही हैं तथा उनसे मिन्नतें कर रही हैं. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और एक आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी की तस्वीर सामने आयी है जिसमें वह पुलिस कस्टडी में हैं.

कब शुरू हुई हिंसा

आपको बता दें कि नार्थ इस्ट के राज्य मणिपुर में अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में तीन मई को पर्वतीय जिलों में ‘आदिवासी एकजुटता मार्च’ आयोजन की गयी थी. इसके बाद राज्य में झड़प शुरू हुई. राज्य में तब से अब तक कम से कम 150 से अधिक लोगों हिंसा की आग में जान गंवा चुके हैं. मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में निवास करते हैं. वहीं जनजातीय समुदायों-नगा और कुकी लोगों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.

घटना पर संसद से कोर्ट तक आक्रोश

मणिपुर के एक गांव में मई महीने में दो महिलाओं को निर्वस्त्र करके घुमाने की घटना के बाद पूरा देश गुस्से में है. लोग आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग कर रहे हैं. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि इस घटना से 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने इसे ‘‘पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताया है. पीएम मोदी ने कहा कि मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है और इस क्रूर घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.

घटना का 26 सैकंड का वीडियो वायरल

इस बीच मणिपुर पुलिस ने सेनापति जिले के एक गांव में दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने और भीड़ द्वारा उनसे छेड़छाड़ किए जाने संबंधी चार मई की घटना के वीडियो में नजर आ रहे मुख्य आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है. प्रदेश के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे और मृत्युदंड दिलाने की कोशिश करेंगे. बुधवार को घटना का 26 सैकंड का वीडियो सामने आने के तुरंत बाद पुलिस की कई टीम का गठन किया गया और कथित मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे व्यक्ति को थाउबल जिले से दबोच लिया गया.

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मणिपुर मामले की गूंज संसद में

संसद के मानसून सत्र के पहले दिन लोकसभा और राज्यसभा में मणिपुर के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों के हंगामे के कारण कार्यवाही बाधित रही. विपक्ष ने मणिपुर में करीब दो महीने से जारी जातीय हिंसा पर संसद में प्रधानमंत्री मोदी के बयान देने और उसके बाद चर्चा कराने की मांग की और हंगामा किया जिससे सदन की कार्यवाही बाधित रही. लोकसभा की कार्यवाही एक बार और राज्यसभा की कार्यवाही दो बार के स्थगन के बाद पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गयी.

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कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि ‘मणिपुर में मानवता मर गयी है.’ इधर, कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कहा कि मणिपुर के मुख्यमंत्री को तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह भी अपनी जवाबदेही से नहीं बच सकते. विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साध रहे हैं.

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