Manipur Viral Video: महिलाओं के साथ दरिंदगी मामले में अबतक पांच गिरफ्तार, इंफाल में महिलाओं का जोरदार प्रदर्शन
मणिपुर के गारी में महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने टायर जलाकार अपना गुस्सा दिखाया. हालांकि इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई. मणिपुर के चेकमाई इलाके में शुक्रवार को भी जमकर प्रदर्शन किया गया था.
मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है. महिलाओं के साथ हुए अत्याचार के खिलाफ सड़क से लेकर संसद तक आवाज उठायी जा रही है. इधर इंफाल में भी महिलाएं जमकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इस मामले में पांचवें आरोपी की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
मणिपुर के गारी में महिलाओं का जारेदार प्रदर्शन, पुलिस के साथ झड़प
मणिपुर के गारी में महिलाओं ने जोरदार प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी महिलाओं ने टायर जलाकार अपना गुस्सा दिखाया. हालांकि इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई. मणिपुर के चेकमाई इलाके में शुक्रवार को भी जमकर प्रदर्शन किया गया था. जिसमें महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मुख्य आरोपी के घर को प्रदर्शनकारियों ने आग के हवाले कर दिया. आग लगाने वालों में अधिकतर महिलाएं थीं. आरोपी के घर को आग लगाने का वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. मणिपुर में चार मई को हुई एक घटना का वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद से राज्य के पहाड़ी क्षेत्र में स्थिति तनावपूर्ण है.
मणिपुर हिंसा को लेकर दिल्ली, झारखंड और गोवा में विरोध प्रदर्शन
मणिपुर में हिंसा रोकने और शांति बहाल करने की मांग को लेकर बड़ी संख्या में लोगों ने शुक्रवार को दिल्ली, झारखंड और गोवा में प्रदर्शन किया. दिल्ली में ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन और क्रांतिकारी युवा संगठन के नेतृत्व में कार्यकर्ता तख्तियां और बैनर लेकर जंतर-मंतर पर एकत्र हुए. इन तख्तियों और बैनरों पर मुख्यमंत्री बीरेन सिंह इस्तीफा दो और मणिपुर में हिंसा समाप्त करो जैसे संदेश लिखे थे. क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) ने एक बयान में कहा, केवाईएस इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह से तुरंत इस्तीफा देने की मांग करता है. वहीं इस मामले पर झारखंड की राजधानी रांची में शुक्रवार को आदिवासी संगठनों ने विरोध मार्च निकाला. लगभग 10 अलग-अलग आदिवासी संगठनों ने जयपाल सिंह स्टेडियम से अल्बर्ट एक्का चौक तक मार्च निकाला, जहां प्रतिभागियों ने कथित तौर पर हिंसा को रोकने में विफल रहने के लिए केंद्र और मणिपुर सरकार के खिलाफ नारे लगाए. इस बीच, मणिपुर में महिलाओं पर अत्याचार के विरोध में शुक्रवार को गोवा में एक महिला ने अपना सिर मुंडवा लिया.
वायरल वीडियो मामले में अबतक पांच की गिरफ्तारी
मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने के मामले में अबतक पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. गिरफ्तार लोगों में मुख्य आरोपी की पहचान हेरादास के रूप में हुई है. जबकि अन्य गिरफ्तार आरोपियों में अरुण सिंह, जीवन एलंगबाम, तोंवा सिंह और यूमलेमबाम मेतेई शामिल हैं. पुलिस ने पहले जिन चार आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उसे 11 दिनों की पुलिस हिरासत में भेज दिया है. ये गिरफ्तारियां 19 जुलाई को घटना का 26 सेकंड का वीडियो सामने आने के एक दिन बाद गुरुवार को की गईं.
महिलाओं के साथ हिंसा को लेकर सड़क से संसद तक विरोध प्रदर्शन
मणिपुर वायरल वीडियो मामले को लेकर सड़क से संसद तक विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है. संसद में लगातार दो दिनों तक मणिपुर हिंसा को लेकर हंगामा जारी रहा. संसद की कार्यवाही दिन भर नहीं चल पायी. विपक्षी दलों ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा. इधर मणिपुर मामले को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे की भी मांग बढ़ गयी है.
क्या है पूरा मामला
गौरतलब है कि मणिपुर में लगभग एक हजार लोगों की हथियारबंद भीड़ ने कांगपोकपी जिले के एक गांव पर हमला किया और मकानों में लूटपाट की, उनमें आग लगायी, हत्या की तथा दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाया. यह घटना 4 मई की बतायी जा रही है. इन महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने का वीडियो सामने आने के बाद पूरा देश आक्रोशित है और घटना के विरोध में जगह जगह प्रदर्शन किए जा रहे हैं. इस मामले में 21 जून को एक प्राथमिकी दर्ज की गयी थी. इसमें आदिवासी महिलाओं के अपहरण और उनसे शर्मनाक बर्ताव से पहले हुए जुल्म की दास्तां का उल्लेख है.
मणिपुर हिंसा में अबतक 160 लोगों की हो चुकी है मौत
गौरतलब है कि मणिपुर में अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मेइती समुदाय की मांग के विरोध में पर्वतीय जिलों में तीन मई को आयोजित ‘ट्राइबल सॉलिडारिटी मार्च’ (आदिवासी एकजुटता मार्च) के दौरान हिंसा भड़कने के बाद से राज्य में अब तक 160 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं तथा कई अन्य घायल हुए हैं. राज्य में मेइती समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है और वे मुख्य रूप से इंफाल घाटी में रहते हैं. वहीं, नगा और कुकी समुदाय के आदिवासियों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे पर्वतीय जिलों में रहते हैं.