मणिपुर में महिलाओं के साथ हुई घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. मामले की निंदा पूरे देश में हो रही है. इस बीच मणिपुर पुलिस एक्टिव हो गयी है. पुलिस ने सेनापति जिले के एक गांव में दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर परेड कराने और भीड़ द्वारा उनसे छेड़छाड़ किये जाने संबंधी चार मई की घटना के वीडियो में नजर आ रहे मुख्य आरोपियों में से एक को गिरफ्तार कर लिया है.
मामले पर लगातार नेताओं की प्रतिक्रिया आ रही है. सपा सांसद जया बच्चन ने कहा कि यह मई महीने की घटना है लेकिन किसी ने संवेदना के लिए एक शब्द नहीं कहा… मैं तो सदन में खड़ी हुई थी लेकिन किसी ने नहीं कहा कि आप क्यों खड़ी हैं? यह बहुत दुखद है. यूपी में तो क्या-क्या हो रहा है, पूरे देश में महिलाओं के साथ क्या हो रहा है. आधी चीजें तो बतायी नहीं जाती हैं. ये लोग पचास प्रतिशत महिलाओं की बात करते हैं. उन्होंने कहा कि वीडियो ऐसा था कि मै देख नहीं पायी. इसकी जितनी निंदा की जाए कम है.
शिरोमणी अकाली दल (SAD) सांसद हरसिमरत कौर बादल ने मामले को लेकर कहा कि बहुत महत्वपूर्ण मुद्दे हैं, मणिपुर एक गंभीर मुद्दा है. पंजाब में बाढ़ एक बड़ा मुद्दा है, किसान की आमदनी ख़त्म हो गयी है और राज्य सरकार को परवाह ही नहीं है. मुख्यमंत्री बेंगलुरु में बैठकर अगले साल के लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रहे हैं.
इधर, महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले ने कहा कि भाजपा ने मणिपुर में इंसानियत की जगह हैवानियत का निर्माण किया, इसका पूरा दोष पीएम मोदी को जाता है. राहुल गांधी ने वहां जाकर लोगों को प्यार का संदेश दिया लेकिन वहां भाजपा की सरकार है और उन्होंने इंसानियत की जगह हैवानियत बनाकर रखी है. हम मांग करेंगे कि नरेंद्र मोदी को इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि जब मणिपुर जल रहा था तब वे इस पर कुछ बोलने को तैयार नहीं थे और बाहर घुम रहे थे. वहीं राज्यसभा में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने संसद में कहा कि मणिपुर जल रहा है.. महिलाओं के साथ बलात्कार हो रहा है, उन्हें निर्वस्त्र कर घुमाया जा रहा है और पीएम मोदी चुप हैं और वह बाहर बयान दे रहे हैं.
#WATCH यह मई महीने की घटना है लेकिन किसी ने संवेदना के लिए एक शब्द नहीं कहा। मैं तो सदन में खड़ी हुई थी लेकिन किसी ने नहीं कहा कि आप क्यों खड़ी हैं? यह बहुत दुखद है। यूपी में तो क्या-क्या हो रहा है, पूरे देश में महिलाओं के साथ क्या हो रहा है: सपा सांसद जया बच्चन, दिल्ली pic.twitter.com/Io5yGecFTP
— ANI_HindiNews (@AHindinews) July 20, 2023
इस बीच, मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि वह सभी आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई सुनिश्चित करेंगे और मृत्युदंड दिलाने का प्रयास भी करेंगे. बुधवार को घटना का वीडियो सामने आने के तुरंत बाद पुलिस की कई टीम का गठन किया गया था और कथित मुख्य साजिशकर्ता बताए जा रहे व्यक्ति को थाउबल जिले से गिरफ्तार कर लिया गया. संबंधित आरोपी 26 सेकंड के वीडियो में प्रमुखता से नजर आ रहा है.
मामले पर जनता दल यूनाइटेड (जदयू) ने केंद्र और मणिपुर की भाजपा सरकार पर प्रहार किया और कहा कि डबल इंजन सरकार होने के बावजूद यह पूर्वोत्तर राज्य दो महीने से अधिक समय से जल रहा है. वायरल हो रहे मणिपुर के एक वीडियो को लेकर जदयू अध्यक्ष राजीव रंजन सिंह ने कहा कि यह इस देश की मानवता को शर्मसार कर देने वाली यह घटना है. वीडियो में नजर आ रहा है कि भीड़ ने दो आदिवासी महिलाओं को नग्न घुमाया. यही नहीं उनके साथ छेड़छाड़ की.
मणिपुर घटना पर आदित्य ठाकरे ने कहा कि मणिपुर का वायरल वीडियो बेहद दुखद है. चाहे पुरुष हो या महिला, भारत में किसी के साथ ऐसा व्यवहार नहीं किया जाना चाहिए. ये सब भारत के ख़िलाफ़ जा रहा है. मणिपुर में राज्य सरकार को भंग कर राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए.
पीएम मोदी ने मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाए जाने की घटना पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने क्षोभ व्यक्त करते हुए कहा कि यह घटना किसी भी सभ्य समाज को शर्मसार करने वाली है और इस क्रूर घटना के दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा. संसद का मानसून सत्र शुरू होने से पहले, मीडिया से प्रधानमंत्री ने बात की और देशवासियों को विश्वास दिलाया कि इस मामले में कानून सख्ती से एक के बाद एक कदम उठाएगा. मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है…इसके दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनकी परेड कराने के वीडियो से वह ‘‘बहुत व्यथित’’ है और उसने इसे ‘‘किसी भी संवैधानिक लोकतंत्र में पूरी तरह अस्वीकार्य’’ बताया. प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने इस वीडियो पर संज्ञान लिया और केंद्र तथा मणिपुर सरकार से फौरन कार्रवाई करने का आदेश दिया. उसने कहा कि तनावपूर्ण माहौल में हिंसा को अंजाम देने के हथियार के रूप में महिलाओं का इस्तेमाल करना पूरी तरह अस्वीकार्य है और ये दृश्य संविधान और मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन दर्शाते हैं.
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गौर हो कि चार मई का यह वीडियो बुधवार को सामने आने के बाद से मणिपुर के पहाड़ी क्षेत्र में तनाव व्याप्त हो गया है. इस वीडियो में दिख रहा है कि विरोधी पक्ष के कुछ व्यक्ति एक समुदाय की दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर में हिंसा पर कई याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए पहले कहा था कि उसका राज्य में तनाव बढ़ाने के लिए एक मंच के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए और उसने अदालत की कार्यवाही के दौरान दोनों जातीय समूहों से संयम बरतने के लिए कहा था.
आपको बता दें कि मणिपुर में तीन मई को इंफाल घाटी में रहने वाले बहुसंख्यक मेइती समुदाय और पर्वतीय इलाकों में रहने वाले जनजातीय समुदायों के बीच जातीय झड़पें शुरू होने के बाद से हिंसा में अब तक 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. मणिपुर की आबादी में मेइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इंफाल घाटी में रहते हैं, जबकि जनजातीय समुदायों-नगा और कुकी लोगों की आबादी 40 प्रतिशत है और वे अधिकतर पर्वतीय जिलों में रहते हैं.