दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कथित शराब घोटाले के मामले में अपनी गिरफ्तारी को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. उनकी अर्जी चीफ जस्टिस की अदालत में पेश की गई है, जिस पर दोपहर 3:50 बजे सुनवाई का फैसला लिया गया है. सिसोदिया ने अपनी अर्जी में सीबीआई की ओर से की जा रही जांच पर भी सवाल खड़े किए हैं. इस बीच सीबीआई ने मनीष सिसोदिया से आज फिर से शराब घोटाले को लेकर पूछताछ शुरू कर दी है. सोमवार को ही विशेष सीबीआई अदालत ने मनीष सिसोदिया को 5 दिनों की रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था.
CBI के सूत्रों के मुताबिक मनीष सिसोदिया तमाम सवालों के सही जवाब नहीं दे रहे हैं बल्कि आनाकानी कर रहे हैं, ऐसे में एजेंसी की ओर से उन लोगों से मनीष सिसोदिया का सामना कराया जा सकता है, जो इस मामले से जुड़े रहे हैं, वहीं आप सूत्रों का कहना है कि मनीष सिसोदिया को सुप्रीम कोर्ट से उसी तरह राहत मिल सकती है, जैसे पीएम नरेंद्र मोदी के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में पवन खेड़ा को मिली थी. अदालत ने पवन खेड़ा को अंतरिम जमानत दे दी थी.
आपको बताएं कि, मनीष सिसोदिया को आम आदमी पार्टी ने रविवार को गिरफ्तार कर लिया था. जिसके बाद सोमवार को एक तरफ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए तो वहीं पार्टी दफ्तर के बाहर पुलिस ने धारा 144 लगाकर स्थिति को संभाला. आप कार्यकर्ता भाजपा दफ्तर के बाहर जाकर आंदोलन करना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दिया. दिन भर चले हाईवोल्टेज ड्रामे के चलते कई जगहों पर रूट डायवर्जन की स्थिति बनी रही और कई सड़कों पर वाहन जाम के चलते रेंगते रहे.