मनीष सिसोदिया के सहयोगी को शराब कारोबारी ने दिए 1 करोड़, CBI की FIR की बड़ी बातें जानें
Manish Sisodia CBI Raids: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी द्वारा संचालित कंपनी को एक शराब व्यवसायी ने कथित तौर पर एक करोड़ रुपये का भुगतान किया है. मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी है.
Manish Sisodia CBI Raids: दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के एक सहयोगी द्वारा संचालित कंपनी को एक शराब व्यवसायी ने कथित तौर पर एक करोड़ रुपये का भुगतान किया है. सीबीआई (CBI) ने आबकारी नीति 2021-22 को तैयार करने और इसके क्रियान्वयन में कथित भ्रष्टाचार पर अपनी प्राथमिकी में यह दावा किया है.
सिसोदिया के पास आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी
बताते चलें कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने शुक्रवार को मध्य दिल्ली में मनीष सिसोदिया के आधिकारिक आवास और सात राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों में 30 अन्य स्थानों पर छापेमारी की है. सीबीआई ने आपराधिक साजिश और भ्रष्टाचार रोकथाम कानून के प्रावधानों से संबंधित आईपीसी की धाराओं के तहत 17 अगस्त को दर्ज अपनी प्राथमिकी में 15 लोगों का नाम लिया है. मनीष सिसोदिया के अलावा सीबीआई ने आरोपियों के रूप में तत्कालीन आबकारी आयुक्त आरव गोपी कृष्ण, तत्कालीन उप आबकारी आयुक्त आनंद कुमार तिवारी, सहायक आबकारी आयुक्त पंकज भटनागर, नौ व्यवसायी को नामजद किया है. मनीष सिसोदिया के पास आबकारी विभाग की भी जिम्मेदारी है.
सीबीआई ने इस आधार पर दर्ज की प्राथमिकी
केंद्रीय गृह मंत्रालय के माध्यम से उपराज्यपाल वीके सक्सेना के कार्यालय को भेजे गए एक संदर्भ पर प्राथमिकी दर्ज की गई. सीबीआई ने आरोप लगाया है कि मनीष सिसोदिया और अन्य आरोपी लोक सेवकों ने निविदा के बाद लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने के इरादे से सक्षम प्राधिकारी की मंजूरी के बिना उत्पाद नीति 2021-22 से संबंधित सिफारिश की और निर्णय लिया.
सिसोदिया के करीबी सहयोगी के नाम का खुलासा
सीबीआई ने कहा कि मनोरंजन और इवेंट मैनेजमेंट कंपनी ओनली मच लाउडर के पूर्व सीईओ विजय नायर, पर्नोड रिकार्ड के पूर्व कर्मचारी मनोज राय, ब्रिंडको स्पिरिट्स के मालिक अमनदीप ढल तथा इंडोस्पिरिट्स के मालिक समीर महेंद्रू सक्रिय रूप से पिछले साल नवंबर में लाई गई आबकारी नीति का निर्धारण और क्रियान्वयन में अनियमितताओं में शामिल थे. जांच एजेंसी ने आरोप लगाया कि गुरुग्राम में बडी रिटेल प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक अमित अरोड़ा, दिनेश अरोड़ा और अर्जुन पांडे, सिसोदिया के करीबी सहयोगी हैं और आरोपी लोक सेवकों के लिए शराब लाइसेंसधारियों से एकत्र किए गए अनुचित आर्थिक लाभ के प्रबंधन और स्थानांतरण करने में सक्रिय रूप से शामिल थे.
समीर महेंद्रू से मिले एक करोड़ रुपये
सीबीआई ने आरोप लगाया है कि दिनेश अरोड़ा द्वारा प्रबंधित राधा इंडस्ट्रीज को इंडोस्पिरिट्स के समीर महेंद्रू से एक करोड़ रुपये मिले. सीबीआई ने दावा किया कि सूत्र ने आगे खुलासा किया कि अरुण रामचंद्र पिल्लई, विजय नायर के माध्यम से समीर महेंद्रू से आरोपी लोक सेवकों को आगे स्थानांतरित करने के लिए अनुचित धन एकत्र करता था. अर्जुन पांडे नाम के एक व्यक्ति ने विजय नायर की ओर से समीर महेंद्रू से लगभग 2-4 करोड़ रुपये की बड़ी नकद राशि एकत्र की.
नियमित रूप से रिश्वत देने का दावा
एजेंसी का आरोप है कि सनी मारवाह की महादेव लिकर को योजना के तहत एल-1 लाइसेंस दिया गया था. यह भी आरोप लगाया कि दिवंगत शराब कारोबारी पोंटी चड्ढा की कंपनियों के बोर्ड में शामिल मारवाह आरोपी लोक सेवकों के निकट संपर्क में था और उन्हें नियमित रूप से रिश्वत देता था. सीबीआई के प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि यह आरोप लगाया गया था कि आबकारी नीति में संशोधन, लाइसेंसधारियों को अनुचित लाभ देने, लाइसेंस शुल्क में छूट व कमी, बिना मंजूरी के एल-1 लाइसेंस के विस्तार में अनियमितताएं की गईं. उन्होंने कहा कि यह भी आरोप लगाया गया था कि इन कृत्यों से अवैध लाभ को निजी पक्षों द्वारा संबंधित लोक सेवकों को उनके खातों की पुस्तकों में गलत प्रविष्टियां देकर बदल दिया गया था.
Also Read: Manish Sisodia CBI Raids: केंद्र और आम आदमी पार्टी के बीच इन 4 मुद्दों को लेकर बढ़ी तकरार!